झारखंड में भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है, जब कुड़मी समाज के दो कद्दावर नेता, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो और उनकी पत्नी आभा महतो, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में वापसी करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मंगलवार को हुई उनकी मुलाकात के बाद सामने आया, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में इस कदम को लेकर अटकलें तेज हो गईं।
शैलेंद्र महतो और आभा महतो, जो वर्तमान में भाजपा में हैं, ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने हेमंत सोरेन से मार्गदर्शन प्राप्त किया, और इसे झामुमो में उनकी संभावित वापसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी से नाराजगी के कारण शैलेंद्र महतो और आभा महतो के भाजपा से असंतुष्ट रहने की खबरें पहले भी आ चुकी थीं, खासकर तब जब आभा महतो को बहरागोड़ा विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया था। हाल ही में, इन नेताओं के भाजपा से मोहभंग के बाद उनकी झामुमो में घर वापसी की संभावना को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
शैलेंद्र महतो ने इस मुलाकात को लेकर स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आशीर्वाद देने और उन्हें राज्य को अच्छे तरीके से चलाने के लिए अपना समर्थन देने गए थे। हालांकि, उन्होंने यह संकेत दिया कि वे भविष्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
झामुमो में भाजपा के नेताओं की वापसी का सिलसिला जारी है, जिसमें पूर्व विधायक लुईस मरांडी, घाटशिला के लक्ष्मण टुडू, और अन्य भाजपा नेता शामिल हैं। इस बीच, कांग्रेस पार्टी के नेताओं की एक महत्वपूर्ण यात्रा भी झारखंड में हो रही है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और सह-प्रभारी डा. सिरिबेला प्रसाद शामिल हैं। वे बुधवार को राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
यदि शैलेंद्र और आभा महतो की झामुमो में वापसी होती है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक धक्का साबित हो सकता है, और झारखंड की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत दे सकता है।