निर्मला सीतारमण का आगामी केंद्रीय बजट 2025 महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर मध्यम वर्ग और कॉरपोरेट सेक्टर के लिए। बजट से जुड़ी प्रमुख उम्मीदें और पहलुओं को नीचे विस्तार से बताया गया है:
मध्यम वर्ग के लिए अपेक्षाएं
- आयकर स्लैब में बदलाव: मध्यम वर्ग को आयकर स्लैब में बदलाव से राहत मिलने की उम्मीद है। यह करदाताओं की क्रय शक्ति को बढ़ाने और खर्च को प्रोत्साहन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
- जीएसटी दरों में कटौती: कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना है।
- टैक्स रिफॉर्म और छूट: टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने और अधिक छूट की उम्मीद की जा रही है, खासतौर पर होम लोन, शिक्षा लोन और स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में।
कॉरपोरेट सेक्टर के लिए संभावनाएं
- कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx) में बढ़ोतरी: इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय बढ़ाने से अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- कॉरपोरेट टैक्स सुधार: उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार निवेश और उत्पादन बढ़ाने के लिए टैक्स दरों को कम करेगी और सरल बनाएगी।
- इंसेंटिव्स और प्रोत्साहन: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों के तहत नए इंसेंटिव्स की घोषणा हो सकती है।
संसद का बजट सत्र को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है:
- पहला भाग: 31 जनवरी से 13 फरवरी 2025
- दूसरा भाग: 10 मार्च से 4 अप्रैल 2025
1 फरवरी को सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट भाषण देंगी। यह भाषण देशभर में लाइव प्रसारित किया जाएगा, जिससे नागरिक इसे वास्तविक समय में देख और समझ सकें।
महत्वपूर्ण आर्थिक परिप्रेक्ष्य
- मौजूदा आर्थिक चुनौतियां: वैश्विक मंदी, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, इस बजट से इन समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त होने की उम्मीद है।
- करदाताओं के लिए राहत: व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करदाताओं के लिए नए प्रोत्साहनों और राहत उपायों से उपभोग और बचत को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
यह बजट सरकार के आर्थिक सुधारों और विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।