श्राद्ध कर्म के नियम तथा पितरो को अन्न प्राप्ति का प्रकार

श्राद्ध कर्म में तर्पण, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज और पंचबलि कर्म किया जाता है। इस कर्म से पितरों की तृप्ति होती है और उक्त…

माँ दुर्गा के नव रूपों की उपासना से प्राप्त होती है आध्यात्मिक शक्ति

शरीर को शुद्ध रखने के लिए और तन-मन को निर्मल और पूर्णत: स्वस्थ रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का नाम ‘नवरात्र’ है.…

सर्वदोष नाश के लिये करें रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक अर्थात रूद्र का अभिषेक करना यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना. जैसा की वेदों में वर्णित है शिव और रुद्र…

द्वादश ज्योतिर्लिंग का है 12 राशियों से अनोखा संबंध

महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिनका संबंंध 12 राशियों से होता है. आइए जानते हैं किस ज्योतिर्लिंग की पूजा है आपके लिए महत्वपूर्ण… सावन…

दुख-दारिद्र मोचन के लिए करें अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

सनातनी शास्त्र में दारिद्र रूपक अभिशाप जनित दुख-दुर्दशा से मुक्ति लाभ के लिए अष्टलक्ष्मी स्तोत्र-पाठ का निर्देश है. किन्तु समुचित कर्मयोग आधारित कठिन मेहनत…

देवर्षि नारद जी की जयंती आज : पूर्वजन्म और श्राप से है संबंध

हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवर्षि नारद जी की जयंती मनाई जाती है. शास्त्रों की माने तो नारद जी…

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