महाकुंभ में देवकीनंदन ठाकुर की हुंकार: सनातन धर्म रक्षा के लिए धर्म संसद का आह्वान

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में धर्म और राष्ट्र के पुनरुत्थान के लिए एक नई ऊर्जा भरने का संकल्प लिया गया है। इस महाकुंभ के दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक और धर्मगुरु श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने सनातन धर्म और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए जोरदार हुंकार भरी। उन्होंने 27 जनवरी को ‘सनातन धर्म संसद’ आयोजित करने की घोषणा की। इस संसद का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और सनातन धर्म की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना है।

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की स्थापना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू समाज संगठित नहीं होगा, तब तक हमारी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा नहीं हो पाएगी। इस धर्म संसद में देशभर के प्रमुख संत-महात्माओं, धर्माचार्यों और समाजसेवियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें हिंदू धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और एक मजबूत रणनीति बनाई जाएगी।

धर्म संसद का उद्देश्य

धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना, धार्मिक स्थलों और संस्कृति को संरक्षित करना, और सनातन परंपराओं के प्रचार-प्रसार के लिए एकजुट प्रयास करना है। ठाकुर जी ने यह भी कहा कि धर्म संसद के माध्यम से सरकार से “सनातन बोर्ड” की स्थापना की मांग की जाएगी। यह बोर्ड पुजारियों के अधिकारों की रक्षा करेगा और उन्हें सामाजिक सम्मान दिलाने में सहायक होगा।

सनातन बोर्ड का उद्देश्य

भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराओं का संरक्षण और संवर्धन करना है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को बढ़ावा देना, धार्मिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना और युवा पीढ़ी को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़ना है।

इसके अन्य प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. धार्मिक शिक्षा: सनातन धर्म के ग्रंथों, उपदेशों और सिद्धांतों का अध्ययन और प्रचार।
  2. संस्कृति का संवर्धन: भारतीय परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करना।
  3. समाज सुधार: जाति, धर्म, लिंग और भेदभाव को मिटाकर समाज में एकता और सामंजस्य स्थापित करना।
  4. धार्मिक स्थलों का विकास: मंदिरों और धार्मिक स्थलों की देखरेख और उनके विकास के लिए कार्य करना।
  5. वैदिक शिक्षा: वैदिक शिक्षा और संस्कारों का प्रचार-प्रसार।
  6. आध्यात्मिक जागरूकता: ध्यान, योग, और धर्म की शिक्षा के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक रूप से जागरूक बनाना।
  7.  सामाजिक कार्य: गरीबों, जरूरतमंदों और वंचित वर्गों के लिए सहायता और कल्याणकारी योजनाओं का संचालन।

इस प्रकार, सनातन बोर्ड का उद्देश्य केवल धर्म और संस्कृति को संरक्षित करना ही नहीं, बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए भी काम करना है।

हिंदू समाज को दिल्ली चलने का आह्वान

देवकीनंदन ठाकुर ने हिंदू समाज से “दिल्ली चलो” का आह्वान करते हुए कहा कि अगर हिंदू समाज एकत्र होकर अपनी बात रखेगा, तो सरकार को हमारी मांगें माननी ही होंगी। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को संरक्षित करने का प्रयास है।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और संत महात्मा एकत्र होते हैं। इस बार महाकुंभ को और भी विशेष बनाने के लिए देवकीनंदन ठाकुर जी ने इसे हिंदू राष्ट्र की दिशा में पहला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 में होने वाली धर्म संसद इस दिशा में ऐतिहासिक साबित होगी।

सरकार और समाज से अपील

देवकीनंदन ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल जी से भेंट कर उन्हें धर्म संसद में आमंत्रित किया। इसके साथ ही उन्होंने समाज के हर वर्ग से सनातन धर्म और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हम अभी संगठित नहीं हुए, तो भविष्य में हमारे धर्म और संस्कृति को खतरा हो सकता है।

धर्म संसद के आयोजन और हिंदू राष्ट्र की हुंकार ने पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि महाकुंभ के इस आयोजन से सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू समाज के एकीकरण की दिशा में कितनी प्रगति होती है। देवकीनंदन ठाकुर के इस प्रयास को संत समाज और जनमानस से कितना समर्थन मिलता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

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