ग्रामीण स्वच्छता में डोर-टू-डोर कचरा उठाव से हुई वृद्धि

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पटना, 02 अप्रैल, 2025: बिहार में लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को नया आयाम दिया जा रहा है। अब राज्य के गांवों में डोर-टू-डोर कचरा उठाव की प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू की गई है। इसके तहत, कचरे के उठाव और परिवहन के लिए एक लाख से ज्यादा रिक्शे काम कर रहे हैं। इसमें 8,024 ई-रिक्शा और 1 लाख 8 हजार 687 पैडल रिक्शे शामिल हैं, जो गांवों से कचरा उठाकर उसे सही तरीके से निपटाने में मदद कर रहे हैं। इस पहल से ग्रामीण इलाकों में कचरे के निपटान की समस्या का समाधान हुआ है।

  • एक लाख से अधिक रिक्शे कर रहे हैं गांवों से कचरे का उठाव
  • लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ग्रामीण अपशिष्ट का हो रहा है प्रभावी निपटान
  • 8,024 ई-रिक्शा और 1 लाख 8 हजार 687 पैडल रिक्शे डोर-टू-डोर कचरा उठाव में कर रहे हैं योगदान

तरल अपशिष्ट प्रबंधन में मील का पत्थर

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत तरल अपशिष्ट प्रबंधन में भी कई अहम कदम उठाए गए हैं। अब तक राज्यभर में 4 लाख 35 हजार से अधिक सामुदायिक सोकपिट, 78 हजार 995 जंक्शन चैम्बर और 23 हजार 421 नाली निकासी बिंदुओं का निर्माण किया गया है, जिससे जल निकासी और अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूती मिली है।

कृषि और पशु अपशिष्ट के निपटान के लिए गोबरधन योजना का संचालन

कृषि और पशु अपशिष्ट के निपटान के लिए गोबरधन योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में 35 गोबरधन इकाइयों का निर्माण किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में सभी जिलों में गोबरधन इकाइयों का निर्माण कर उन्हें प्रभावी रूप से संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से न केवल अपशिष्ट का निपटान हो रहा है, बल्कि बायोगैस उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरणीय सुधार में मदद मिल रही है।

जीविका और स्कूली बच्चों का योगदान

आने वाले समय में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान को और भी प्रभावी बनाने के लिए जीविका जैसी समुदाय आधारित संस्थाओं, पंचायती राज प्रतिनिधियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वच्छता पर्यवेक्षकों, और अन्य हितधारकों को सशक्त किया जाएगा। इसके साथ ही, जन-जागरूकता कार्यक्रम, सूचना शिक्षा एवं संचार, और सामुदायिक लामबंदी जैसी योजनाओं के तहत लोगों को इस अभियान में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा। विशेष रूप से, जीविका के सदस्य और स्कूली बच्चे भी इस अभियान में सक्रिय योगदान देंगे, जिससे अभियान और भी व्यापक स्तर पर सफल होगा।

नीतीश सरकार की ये योजनाएं न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि लोगों के जीवन में खुशहाली भी ला रही हैं। इन पहलों से ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता की दिशा में एक नया मोड़ आया है और आने वाले दिनों में यह अभियान और भी सफल होगा।


संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”

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