रांची, 28 मार्च: झारखंड सरकार ने राज्य सचिवालय में कर्मियों की पद संरचना में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है। इसके तहत एक प्रशाखा पदाधिकारी (SO) के अधीन चार सहायक प्रशाखा पदाधिकारी (ASO) को लाने की तैयारी की जा रही है। इस बदलाव का उद्देश्य सचिवालय में उपलब्ध मानव संसाधन का बेहतर उपयोग करते हुए काम को और अधिक सुगम बनाना है।
कार्मिक विभाग ने इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया है, और विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन ने इसे स्वीकृति दे दी है। वर्तमान में सचिवालय में काम कर रहे सहायक प्रशाखा पदाधिकारी और प्रशाखा पदाधिकारी से लेकर संयुक्त सचिव (ज्वाइंट सेक्रेटरी) रैंक तक के कर्मियों का अनुपात 2:1 है। अब इस व्यवस्था को बदलकर 4:1 करने की योजना है, यानी एक SO के अधीन चार ASO काम करेंगे।
इस प्रस्ताव की फाइल अब विधि और वित्त विभाग के पास सहमति के लिए भेजी गई है। यहां से स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट से पारित किया जाएगा।
इस बदलाव से दो प्रकार की नाराजगी उत्पन्न हो सकती है। पहले, सचिवालय में कार्यरत ASO और SO कर्मी पहले ही काम के भारी दबाव का सामना कर रहे हैं। पदों के अनुपात में बदलाव से सचिवालय सेवा संघ की नाराजगी बढ़ सकती है। दूसरा, राज्य में पिछले आठ वर्षों से सचिवालय सेवा के पदों पर कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है, जिसके चलते काम का दबाव और बढ़ सकता है।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि सचिवालय के विभिन्न विभागों में स्टेनोग्राफर और क्लर्क सेवा के पदों पर सीधी नियुक्ति के लिए परीक्षा में अब कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य होगी। पदनाम में भी संशोधन किया जाएगा। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने राजस्व परिषद के सदस्य की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद, सचिवालय में आउटसोर्स या अनुबंध पर कंप्यूटर ऑपरेटरों की आवश्यकता नहीं रहेगी।