जीतन राम मांझी ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी को सीट नहीं मिलने पर वह नाराज हो गए हैं। भले ही वह एनडीए का हिस्सा हों, लेकिन उनकी पार्टी को इस चुनाव में कोई सीट नहीं दी गई, जिसे लेकर उनका असंतोष जाहिर हो सकता है।
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और प्रदेश की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। कभी सीएम नीतीश कुमार के फैसले बदलने की चर्चाएं होती हैं, तो कभी जीतन राम मांझी की नाराजगी की खबरें सामने आती हैं। इस सब के बीच, दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, जहां 5 फरवरी को वोटिंग होगी। दिल्ली चुनाव में एनडीए गठबंधन का हिस्सा जीतन राम मांझी की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को दिल्ली में केवल एक सीट मिली है।
इसी बीच, जीतन राम मांझी ने पटना में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की, और जब दोनों नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं, तो सियासी हलकों में कयासों का बाजार गर्म हो गया। चर्चा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को सीट न मिलने से वह नाराज हो गए हैं। हालिया बयानों से यह संकेत मिल रहे हैं कि मांझी दिल्ली चुनाव में सीट चाहते थे। हालांकि, एनडीए के सहयोगी दलों जदयू और एलजेपी को एक-एक सीट मिली, लेकिन जीतन राम मांझी की पार्टी को कोई सीट नहीं मिली, जिससे उनकी नाराजगी साफ जाहिर हो रही है।
अब यह चर्चा और बढ़ रही है कि जीतन राम मांझी झारखंड और दिल्ली में सीट न मिलने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। वह एनडीए के साथ सीट बंटवारे में अपनी पार्टी के लिए 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, हालांकि एनडीए में उन्हें इतनी सीट मिलना मुश्किल लगता है, फिर भी वे अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
इस दौरान, 24 जनवरी 2025 को जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करते हुए नजर आए। इसके बाद, सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, “पटना स्थित मुख्यमंत्री निवास में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से औपचारिक मुलाकात हुई। इस दौरान सूबे में हमारे मंत्रालयों के कार्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय चौधरी और सांसद देवेश चंद्र ठाकुर भी मौजूद थे।”
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की राजनीति को समझना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके फैसले अचानक बदल सकते हैं और उनके साथ रहने वालों को भी इसके बारे में जानकारी नहीं होती। अब सवाल यह उठ रहा है कि नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की मुलाकात के पीछे क्या इशारा छिपा है। क्या यह एक नया सियासी समीकरण बनाने की कोशिश है? सियासी गलियारों में इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।