मोतिहारी (पूर्वी चंपारण): चकिया प्रखंड के कोयला बेलवा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में असामाजिक तत्वों द्वारा पानी की टंकी में सल्फास नामक जहर मिलाने की कोशिश की गई, जिससे 300 बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती थी। हालांकि, गनीमत रही कि समय रहते इस साजिश का पर्दाफाश हो गया और किसी भी विद्यार्थी ने पानी नहीं पिया।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रेमनारायण ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे विद्यालय में तेज गंध महसूस हुई, जिसके बाद शिक्षकगण और कर्मचारियों ने इसकी जांच शुरू की। जांच में सल्फास का रैपर पाया गया, और जब पानी की टंकी की जांच की गई, तो उसमें भी तेज गंध आई। तुरंत विद्यार्थियों को पानी पीने से मना किया गया और मध्याह्न भोजन भी रद्द कर दिया गया। इसके बाद प्रधानाध्यापक ने स्थानीय मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य और शिक्षा समिति के सदस्यों को घटना की जानकारी दी, और पुलिस को सूचित किया।
पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। डीएसपी सत्येन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। टंकी का पानी बाहर निकालकर उसे खाली कर दिया गया, और सल्फास के रैपर का 10 ग्राम का पैकेट भी बरामद हुआ।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि असामाजिक तत्वों द्वारा बच्चों की जान के साथ खेला गया था, लेकिन विद्यालय प्रशासन और पुलिस की तत्परता ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस साजिश में शामिल आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए प्रयासरत हैं।