दिल्ली जीत पर सीएम रेस में प्रवेश वर्मा सबसे आगे

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संजय कुमार विनीत : दिल्ली चुनाव के नतीजों से अब साफ दिख रहा है कि 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने वाली है। मौजूदा रुझान में BJP 47 सीटों पर आगे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर आगे चल रही है। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी अपने मुख्यमंत्री के चेहरों के नामों को लेकर हमेशा से चौंकाती रही है लेकिन प्रवेश वर्मा ने आप सुप्रिमो अरविंद केजरीवाल को हराकर अपनी दावेदारी भी पक्की कर ली है। रमेश बिधूड़ी चुनाव हारकर अपनी दावेदारी खो चुके हैं। और संभावित मुख्यमंत्री के नामों पर गौर करें तो दुष्यंत गौतम, मनोज तिवारी, बांसुरी स्वराज और स्मृति ईरानी के नाम भी सामने आ रहें हैं।

वैसे तो भाजपा मुख्यमंत्री को लेकर हमेशा चौंकाने रही है पर क्या वह दिल्ली में भी ऐसा ही करेगी कहा नहीं जा सकता। राजनीतिक गलियारों में इस समय जो चर्चा चल रही है उनमें प्रवेश वर्मा और दुष्यंत गौतम का नाम प्रमुखता से चल रहा है।विजेंन्दर गुप्ता, मनोज तिवारी, बांसुरी स्वराज के नाम भी सामने आ रहे हैं। रमेश विधुडी के नाम भी चर्चा थी, पर इनके चुनाव हार जाने पर यह मौका दिया जायेगा, ऐसा बिल्कुल नहीं लगता।

सबसे बड़ा दावेदार प्रवेश वर्मा ही वर्तमान में दिख रहें हैं, अभी अभी उन्होंने आप सुप्रिमो अरविंद केजरीवाल को 4025 मतो से हराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रवेश वर्मा के चुनाव जीतते ही अमित शाह ने तुरंत बुलाकर बधाई भी दी है। इनका नाम इसलिए भी प्रमुखता से चल रहा है क्योंकि ये जीतकर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को हराया। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के केंद्र बिंदू हैं और उनको मात देने का मतलब सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी को पेश करना। इसके साथ ही प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं ऐसे में उनके माध्यम से दिल्ली और हरियाणा के जाट वोटरों को साधने में भारतीय जनता पार्टी को आसानी होगी।

प्रवेश वर्मा के बयानों से भी इस बात के संकेत मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ”दिल्ली के जाट नेता, भाई-बहन भाजपा के साथ हैं। दिल्ली का विकास केवल भाजपा ही कर सकती है। जहां तक जाट रिजर्वेशन की बात है तो उसके लिए राज्य सरकार को सदन से कानून पास करके केंद्र को भेजना होता है, जो उन्होंने कभी नहीं किया। अरविंद केजरीवाल लगातार झूठ बोल रहे हैं।

दिल्ली के करोल बाग से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दुष्यंत कुमार गौतम को भी इस दौड़ का हिस्सा माना जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा जिस चेहरे से सभी को चौंका सकती है वो चेहरा दुष्यंत गौतम का हो सकता है। एससी वोटरों को साधने और बिहार के आगामी चुनावों को देखते हुए उन्हें यह पद दिया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा दिल्ली से बिहार को साधने का काम भी कर सकती है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी में एससी सीएम नहीं है तो ऐसे में वो इनके माध्यम से एक संकेत भी दे सकती है।

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