पंचांग 29/05/2024 • May 29, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 29/05/2024 • May 29, 2024
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष षष्ठी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | षष्ठी तिथि 01:39 PM तक उपरांत सप्तमी | नक्षत्र श्रवण 08:38 AM तक उपरांत धनिष्ठा | इन्द्र योग 11:34 PM तक, उसके बाद वैधृति योग | करण वणिज 01:40 PM तक, बाद विष्टि 12:43 AM तक, बाद बव |

मई 29 बुधवार को राहु 11:46 AM से 01:27 PM तक है | 08:06 PM तक चन्द्रमा मकर उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा

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