पंचांग 30/05/2024 • May 30, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 30/05/2024 • May 30, 2024
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | सप्तमी तिथि 11:44 AM तक उपरांत अष्टमी | नक्षत्र धनिष्ठा 07:31 AM तक उपरांत शतभिषा | वैधृति योग 08:53 PM तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग | करण बव 11:44 AM तक, बाद बालव 10:42 PM तक, बाद कौलव |

मई 30 गुरुवार को राहु 01:28 PM से 03:09 PM तक है | चन्द्रमा कुंभ राशि पर संचार करेगा |

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