पंचांग 20/05/2024 • May 20, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 20/05/2024 • May 20, 2024
बैशाख शुक्ल पक्ष द्वादशी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | द्वादशी तिथि 03:59 PM तक उपरांत त्रयोदशी | नक्षत्र चित्रा | सिद्धि योग 12:10 PM तक, उसके बाद व्यातीपात योग | करण बालव 03:59 PM तक, बाद कौलव 04:53 AM तक, बाद तैतिल |
मई 20 सोमवार को राहु 06:45 AM से 08:25 AM तक है | 04:34 PM तक चन्द्रमा कन्या उपरांत तुला राशि पर संचार करेगा

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