पंचांग 23/05/2024 • May 23, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 23/05/2024 • May 23, 2024
बैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | पूर्णिमा तिथि 07:22 PM तक उपरांत प्रतिपदा | नक्षत्र विशाखा 09:14 AM तक उपरांत अनुराधा | परिघ योग 12:12 PM तक, उसके बाद शिव योग | करण विष्टि 07:10 AM तक, बाद बव 07:23 PM तक, बाद बालव |
मई 23 गुरुवार को राहु 01:26 PM से 03:06 PM तक है | चन्द्रमा वृश्चिक राशि पर संचार करेगा |

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