पंचांग 25/05/2024 • May 25, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 25/05/2024 • May 25, 2024
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वितीया, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | द्वितीया तिथि 06:58 PM तक उपरांत तृतीया | नक्षत्र ज्येष्ठा 10:36 AM तक उपरांत मूल | सिद्ध योग 10:06 AM तक, उसके बाद साध्य योग | करण तैतिल 07:15 AM तक, बाद गर 06:58 PM तक, बाद वणिज |

मई 25 शनिवार को राहु 08:25 AM से 10:05 AM तक है | 10:36 AM तक चन्द्रमा वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा |

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