पंचांग 18/05/2024 • May 18, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

पंचांग 18/05/2024 • May 18, 2024
बैशाख शुक्ल पक्ष दशमी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | दशमी तिथि 11:23 AM तक उपरांत एकादशी | नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 12:23 AM तक उपरांत हस्त | हर्षण योग 10:24 AM तक, उसके बाद वज्र योग | करण गर 11:23 AM तक, बाद वणिज 12:38 AM तक, बाद विष्टि |
मई 18 शनिवार को राहु 08:26 AM से 10:06 AM तक है | चन्द्रमा कन्या राशि पर संचार करेगा |

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