राजस्व मंत्री का अधिकारियों को कड़ा संदेश: जनता की सेवा सर्वोपरि, दाखिल-खारिज में सुधार लाएं

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पटना, 11 अप्रैल 2025: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में पदाधिकारियों का मूल कर्तव्य जनता की सेवा करना है। उन्होंने भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में सभी जिलों के अपर समाहर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के अवसर पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर आमजनता की सुविधा के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं, लेकिन इन निर्देशों को धरातल पर उतारना अधिकारियों की ही जिम्मेदारी है।

इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन मंत्री संजय सरावगी, विभाग के सचिव जय सिंह, विशेष सचिव अरुण सिंह एवं भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

मंत्री सरावगी ने सभी अपर समाहर्ताओं से आग्रह किया कि विभाग द्वारा सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने का मुख्य उद्देश्य जनता को सुविधा पहुंचाना है, लेकिन अभी भी आम लोगों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सभी अधिकारियों का दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि आम लोगों को सभी सुविधाओं का लाभ मिले, क्योंकि यह उनका हक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपर समाहर्ताओं का मुख्य कार्य राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित है और उनसे अपेक्षा है कि वे जिलों में कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। मंत्री ने दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस के मामलों में सर्वाधिक शिकायतें आने पर चिंता व्यक्त की और इन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए लगातार जारी किए जा रहे निर्देशों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिना उचित कारण के दाखिल-खारिज के मामलों को लंबित रखना या अस्वीकार करना अस्वीकार्य है और तय समय सीमा (बिना आपत्ति के 35 दिन और आपत्ति के साथ 75 दिन) के भीतर मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कई जिलों में लंबित मामलों की अत्यधिक संख्या पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। परिमार्जन प्लस के मामलों में 30 दिनों तक कोई कार्रवाई न होने और फिर अचानक अस्वीकार कर दिए जाने की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने सवाल उठाए।

ई-मापी के मामलों में बरती जा रही लापरवाही पर भी मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तीन तारीखों की व्यवस्था होने के बावजूद लोगों का काम समय पर नहीं हो रहा है।

अभियान बसेरा-2 पर अपर समाहर्ताओं को संबोधित करते हुए मंत्री सरावगी ने भूमिहीनों को जमीन देने की योजना में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी गरीबों को उनका हक दिलाना सरकार की पहली जिम्मेदारी है और यह विभाग आम जनता के सरोकार का सबसे बड़ा विभाग है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे निरीक्षण की एक फुलप्रूफ व्यवस्था बनाएं, जिससे फील्ड के अधिकारियों में भय का माहौल बने और परेशान जनता की भीड़ में कमी आए। विशेष सर्वेक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक केवल 28-29 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है और अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी कर इसे और गति देने की आवश्यकता है, क्योंकि भूमि सर्वेक्षण का कार्य राज्य को एक नई दिशा देगा।

इससे पूर्व स्वागत भाषण में विभाग के सचिव जय सिंह ने अपर समाहर्ताओं के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राजस्व कार्यों के पर्यवेक्षण और न्यायालयिक कार्यों को उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बताया और उनकी कार्यप्रणाली में गुणात्मक सुधार के लिए इस दो दिवसीय प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जिलों में उनकी व्यस्तता को स्वीकार करते हुए राजस्व मामलों पर अधिक समय देने का आग्रह किया।


Santosh Srivastava “Anjaan Jee”

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