टंडवा: भ्रष्टाचार के दलदल में कराहता कोयलांचल, न्याय की आस में लाखों गंवा रहे लोग

Subscribe & Share

टंडवा, बुधवार, 9 अप्रैल, 2025 – भ्रष्टाचार, धांधली और अनियमितताओं के गहरे दलदल में फंसे टंडवा के बहुसंख्यक लोग पीड़ा और निराशा से जूझ रहे हैं। कोर्ट-कचहरी के जटिल दांव-पेंचों में लाखों रुपये गंवाने के बावजूद वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे पीड़ितों की दुर्दशा देखकर गरीब और लाचार लोग उस राह पर जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते।

बर्बाद गुलिस्तां करने को एक हीं उल्लू काफी था!
यहां हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजामे गुलिस्तां क्या होगा!?

कोयलांचल और औद्योगिक नगरी का तमगा लगने से पहले टंडवा की स्थिति ऐसी नहीं थी। लेकिन, महज डेढ़ दशक के भीतर टेरर फंडिंग, हेराफेरी, फर्जीवाड़ा, धनशोधन, दहशत और खुलेआम मानवाधिकारों के दमन जैसे कलंकित मामलों ने ऐसे गहरे घाव बना दिए हैं, जिन्हें शायद दशकों में भी भरना मुश्किल है। आधिकारिक तौर पर 7900 अवैध जमाबंदी की पुष्टि इस बात का प्रमाण है कि इस गोरखधंधे के शिकार कौन हुए होंगे और इसे किसने अंजाम दिया होगा।

हालात यहीं नहीं थमे, बल्कि भ्रष्टाचार का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। टंडवा में भ्रष्टाचार मानो एक औपचारिक शिष्टाचार बन गया है। भ्रष्टाचारियों में ग्लानि का कोई भाव नजर नहीं आता, क्योंकि वे सिस्टम की मेहरबानी से पूरी तरह निरंकुश, बेतहाशा और बेखौफ हैं। राजस्व विभाग और सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) में व्याप्त धांधली किसी से छिपी नहीं है।

भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ का दावा करने वालों के मुंह से “ऑल इज वेल” (सब ठीक है) सुनकर पीड़ित समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वे अपनी फरियाद लेकर कहां जाएं। यह दावा किया जा रहा है कि सफेदपोशों का एक संगठित गिरोह हर जगह सेंधमारी करके बैठा हुआ है, जिससे आम आदमी पिस रहा है और न्याय की उम्मीद धूमिल होती जा रही है।


Rajesh Mohan Sahay, Ranchi

× Subscribe