पटना – 16 अप्रैल, 2025: राज्य सरकार की कृषि नीति को और मजबूती प्रदान करते हुए, माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने आज सीतामढ़ी जिले के मुरादपुर में 1 टन प्रति घंटा क्षमता वाली आधुनिक बीज प्रसंस्करण इकाई और 500 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के माननीय मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि सीतामढ़ी नगर के माननीय विधायक श्री मिथिलेश कुमार ने भी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने की।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए माननीय उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज राज्य के भीतर ही उपलब्ध कराने और बीज प्रसंस्करण की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस परियोजना के माध्यम से सीतामढ़ी जिले के 300 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती करने वाले 407 किसानों को 300 क्विंटल गेहूं का आधार बीज उपलब्ध कराया गया है। इससे अनुमानित 10,500 क्विंटल प्रमाणित गेहूं बीज का उत्पादन होगा, जिसका भंडारण और प्रसंस्करण अब जिले में ही संभव हो सकेगा। इससे न केवल किसानों को समय पर बीज उपलब्ध होगा, बल्कि बीज की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
श्री सिन्हा ने जोर देते हुए कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों को सशक्त बनाना है, उन्हें आधुनिकतम सुविधाएं प्रदान करना है और कृषि उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। सीतामढ़ी में स्थापित यह बीज प्रसंस्करण इकाई और गोदाम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी प्रयास है, जो न केवल जिले के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाएगा, बल्कि क्षेत्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को भी व्यापक मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने इसे राज्य सरकार की कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम बताया और विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल राज्य सरकार की ‘हर खेत तक गुणवत्तायुक्त बीज’ की परिकल्पना को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी और आने वाले वर्षों में अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
बीज प्रसंस्करण इकाई और गोदाम के उद्घाटन के पश्चात, माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में आयोजित ‘किसान कल्याण संवाद’ कार्यक्रम में किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इस अवसर पर सीतामढ़ी के माननीय सांसद श्री देवेश चंद्र ठाकुर, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद और विधानसभा के माननीय सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने की।
माननीय उप मुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने बताया कि ‘किसान कल्याण यात्रा’ की शुरुआत पुनौरा धाम से करना अत्यंत उपयुक्त है, क्योंकि यह वही पावन भूमि है जहाँ आदि-कृषक विदेहराज जनक ने स्वयं हल चलाकर कृषि परंपरा की नींव रखी थी और जहाँ से माँ सीता का प्रादुर्भाव हुआ था।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के किसानों से खुलकर बातचीत की। राम लाल महतो ने स्ट्रॉबेरी और सब्जी की खेती के अपने अनुभव साझा किए, पुष्प कुमारी और ममता कुमारी ने मशरूम उत्पादन में अपनी सफलता की कहानी बताई, नन्दलाल महतो फूलों की खेती के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि राम शंकर शाह ने अपने कस्टम हायरिंग सेंटर के संचालन के बारे में जानकारी दी। किसानों की समस्याओं और उनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए, उप मुख्यमंत्री ने उन्हें हर संभव सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया।
माननीय मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने और कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत की लगभग 46 प्रतिशत और बिहार की 88 प्रतिशत ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर है। फसल विविधीकरण से उत्पादन, उत्पादकता और किसानों की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी और किसान सशक्त बनेंगे। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ के तहत 100 आकांक्षी जिलों में सतत कृषि को बढ़ावा देने की बात कही, जिससे लगभग 1.70 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार को विशेष लाभ देते हुए केंद्र सरकार ने ‘मखाना बोर्ड’ का गठन किया है, जिससे मिथिला क्षेत्र के एक करोड़ से अधिक किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
श्री सिन्हा ने बजट 2024-25 में 32 फसलों और बागवानी कृषि से संबंधित 109 उच्च उत्पादकता व जलवायु अनुकूल किस्मों को जारी किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने फूलों की खेती को 100 प्रतिशत निर्यात नीति के तहत बढ़ावा देने और जैविक खेती के लिए राज्य के 13 जिलों में ‘कॉरिडोर आधारित परियोजना’ लागू करने की बात कही, जिससे टिकाऊ खेती, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने गर्व से बताया कि बिहार देश का 85 प्रतिशत और विश्व का 60 प्रतिशत मखाना उत्पादन करता है और मखाना बोर्ड से 50 हजार किसान परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, साथ ही यह बोर्ड वैश्विक बाजार में मखाना की पहुंच को भी सुलभ बनाएगा।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके उत्पादों के लिए शीघ्र ही उपयुक्त बाजार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने किसानों को पोषक अनाज, खस जैसी सुगंधित फसलों और फूलों की वाणिज्यिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया और कृषि क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने पर विशेष बल दिया।
इस अवसर पर विशेष सचिव डॉ॰ वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक श्री नितिन कुमार सिंह, उद्यान निदेशक श्री अभिषेक कुमार, संयुक्त सचिव श्री मनोज कुमार, निदेशक बासोका श्री सनत कुमार जयपुरियार एवं अन्य गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Santosh Srivastava “Anjaan Jee”