झामुमो अधिवेशन पर भाजपा की माँग: बांग्लादेशी घुसपैठ के ख़िलाफ़ और वक़्फ़ क़ानून के समर्थन में प्रस्ताव पारित करे झामुमो

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राँची, 10 अप्रैल, 2025: झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के आगामी महाधिवेशन को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी से दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने जेएमएम पर आदिवासियों के नाम पर मात्र राजनीतिक दिखावा करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी को अधिवेशन के मंच से यह स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वह वास्तव में आदिवासियों की ज़मीन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है या केवल तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देना चाहती है।

श्री अजय साह ने कहा, “जेएमएम बार-बार आदिवासी हितों की बात करती है, लेकिन जब उनकी ज़मीन की सुरक्षा का प्रश्न आता है, तो पार्टी रहस्यमय चुप्पी साध लेती है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित वक़्फ़ संशोधन कानून ने अनुसूचित पाँच में आने वाली आदिवासी ज़मीनों को वक़्फ़ एक्ट के दायरे से पूरी तरह बाहर कर दिया है। यह कानून उन आदिवासियों के लिए एक क्रांतिकारी सुरक्षा कवच है, जिनकी ज़मीन पर अवैध कब्ज़े लगातार बढ़ रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद उन घटनाओं पर प्रभावी रोक लगेगी, जिनमें मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड के नाम पर बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासियों की बेशकीमती ज़मीन को हड़पा जा रहा था। श्री साह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण राज्य की जनसांख्यिकी में तेजी से बदलाव आ रहा है, जिसके कई भयावह परिणाम सामने आ रहे हैं।

श्री अजय साह ने संशोधित वक़्फ़ कानून को एक ऐतिहासिक और दूरगामी कदम बताते हुए कहा कि यह आदिवासियों की भूमि सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने जेएमएम से सीधा सवाल पूछते हुए कहा, “क्या जेएमएम अपने आगामी महाधिवेशन में इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों – बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ स्पष्ट प्रस्ताव लाकर और आदिवासी ज़मीन का सुरक्षा कवच बने वक़्फ़ संशोधन कानून का पुरजोर समर्थन कर आदिवासी समाज को आश्वस्त करेगी? या फिर वह केवल राजनीतिक तुष्टिकरण के चलते मुस्लिम वोट बैंक की चिंता में डूबी रहेगी?”

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि जेएमएम अपने महाधिवेशन में वक़्फ़ संशोधन कानून का समर्थन करने का प्रस्ताव पारित नहीं करती है, तो यह स्पष्ट रूप से साबित हो जाएगा कि उनका आदिवासी प्रेम केवल एक राजनीतिक दिखावा और वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। श्री अजय साह ने आशंका व्यक्त की कि जेएमएम “कर्नाटक मॉडल” को अपनाने की तैयारी में है, जहां आदिवासियों और दलितों के अधिकारों को मुस्लिम समुदाय की ओर मोड़ने का प्रयास किया गया था। उन्होंने अंत में कहा कि भाजपा हर मोर्चे पर आदिवासी समाज की ज़मीन, अधिकार और अस्मिता की रक्षा के लिए हमेशा लड़ती रही है और भविष्य में भी डटकर लड़ेगी। जेएमएम को अपनी पार्टी को बड़ा करने के दिवास्वप्न देखने से पहले, बड़े और व्यापक विचारों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

श्री अजय साह ने जोर देकर कहा कि यदि झामुमो अपने आगामी अधिवेशन में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ ठोस प्रस्ताव लाती है और आदिवासी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले वक़्फ़ संशोधन कानून का खुलकर समर्थन करती है, तो यह राज्य के हित में एक सकारात्मक कदम होगा।


Rajesh Mohan Sahay, Ranchi

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