रांची, 1 जून, 2025 – एस.एन. सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री श्री सरयू राय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
श्री सरयू राय ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा 2020 में शुरू किए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह अभियान मध्यम वर्ग और उद्योगों सहित विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। श्री राय ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में भारत की प्रगति का उल्लेख किया और देश के रक्षा बलों को आत्मनिर्भरता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने सभी से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया, जिससे एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके।
बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, कोयलांचल यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति डॉ. अंजनी कुमारी श्रीवास्तव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता की सराहना की, विशेष रूप से ‘मिशन सिंदूर’ में स्वदेशी तकनीक के प्रयोग का जिक्र किया। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण पहल बताया।
डॉ. कुमारी ज्योत्सना ने पर्यावरण पर निर्भरता के प्रभावों और स्थायी विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वनस्पति-जीव विविधता में कमी, जल संकट और प्रदूषण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए जागरूकता की अपील की।
प्रो. हेमंतिका सेनगुप्ता ने आत्मनिर्भर भारत के पाँच आधारभूत स्तंभों – अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग – पर चर्चा की। मैनेजमेंट विभाग के एचओडी प्रो. पी.ए. तोमर ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर बात की और सड़क, रेल, मेट्रो जैसे बुनियादी ढाँचे के विकास में हुई उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने आईटी क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसके आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और नवाचार में योगदान पर प्रकाश डाला।
यह गोष्ठी आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा और देश के भविष्य के लिए इसकी प्रासंगिकता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई।
Rajesh Mohan Sahay
News Editor (Jharkhand)
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