चतरा, 09 जून, 2025: चतरा जिले के कान्हाचट्टी अंचल क्षेत्र में जिला प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम अवैध गतिविधियाँ जारी हैं, जिसने स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि अंचलाधिकारी की मिलीभगत से रात के अंधेरे में बालू का अवैध उठाव धड़ल्ले से हो रहा है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
अवैध बालू उत्खनन और प्रशासनिक लापरवाही
क्षेत्रीय सूत्रों और ग्रामीणों के अनुसार, कान्हाचट्टी अंचल में रातों-रात बालू का अवैध खनन कर उसका परिवहन किया जा रहा है। यह सब ऐसे समय हो रहा है जब प्रशासनिक स्तर पर इस पर रोक लगाने के दावे किए जाते हैं। सवाल उठता है कि क्या अंचलाधिकारी सरकार और जिला प्रशासन के निर्देशों से भी ऊपर हो गए हैं, जिसके कारण ये अवैध गतिविधियाँ बेरोकटोक चल रही हैं?
दाखिल-खारिज में मनमानी का आरोप
इससे भी गंभीर मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित ने दाखिल-खारिज (mutation) प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए संबंधित कार्यालय को लिखित आवेदन दिया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, बिना किसी सुनवाई या जांच के, उस मामले को सीधे दाखिल-खारिज कर दिया गया। यह प्रशासनिक प्रक्रिया की सीधी अवहेलना और न्याय के साथ सरासर खिलवाड़ है। जब इस संबंध में कान्हाचट्टी अंचलाधिकारी का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया गया, तो उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा।
आम जनता की डीसी साहिबा से अपील
कान्हाचट्टी क्षेत्र की आम जनता खुद को ठगा हुआ और लाचार महसूस कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारियों द्वारा ही नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? आमजन अब सरकार और जिला प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठी है कि ऐसे भ्रष्ट और मनमाने रवैये पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। अब देखना दिलचस्प होगा कि उपायुक्त इस गंभीर मामले में न्यायोचित कार्रवाई कर पाती हैं या अंचलाधिकारी शब्दों का जाल बुनकर मामले को उलझा देते हैं।
संजीत मिश्रा
संवाददाता (चतरा)