गंगा एक्सप्रेसवे, जो उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरेगा, अब अपनी पूरी ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक पहुंचेगा। इस परियोजना पर कुल 28 ओवर ब्रिज बनाए गए हैं, जिसमें दो प्रमुख टोल प्लाजा शामिल हैं। एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 36,404 करोड़ रुपये है, और इसके बनने से ग्रामीण इलाकों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
कितना काम बाकी है?
वर्तमान में गंगा एक्सप्रेसवे 6 लेन का है, जो मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास समाप्त होगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, मेरठ से प्रयागराज का सफर केवल 6 घंटे में तय किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे पर कारें 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। हालांकि, इसे भविष्य में 8 लेन तक भी चौड़ा किया जा सकता है, यदि यातायात बढ़ता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी नींव
गंगा एक्सप्रेसवे की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को रखी थी। इसके बाद से काम तेज़ी से चल रहा है और इसे जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य न केवल यात्रा की गति को बढ़ाना है, बल्कि इससे राज्य के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिल रही है, जिससे विकास को नई दिशा मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़े ये महत्वपूर्ण पहलू राज्य और देश की आर्थिक तरक्की के लिए अहम साबित हो सकते हैं।