पटना, 01 अप्रैल, 2025: माननीय उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री, बिहार, श्री विजय कुमार सिन्हा ने आज कृषि भवन, मीठापुर, पटना के सभागार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव, कृषि विभाग, बिहार, श्री संजय कुमार अग्रवाल ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के महत्व को बढ़ावा देना है।
जल-जीवन-हरियाली अभियान की आवश्यकता:
श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान से जुड़े कदमों से भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान जल स्तर को संतुलित बनाए रखने, जल को प्रदूषण से मुक्त रखने, वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि “जल होगा तो हरियाली होगी, और हरियाली होगी तो जीवन होगा।” यह अभियान हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बननी चाहिए और इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
जलवायु अनुकूल कृषि के लिए जल-जीवन-हरियाली का महत्व:
मंत्री ने यह भी बताया कि जल-जीवन-हरियाली का जलवायु अनुकूल कृषि के लिए एक मजबूत आधार है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और जल संकट की समस्या से निपटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान आवश्यक है। बिहार में जलवायु अनुकूल कृषि की शुरुआत 2019 में की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना है। उन्होंने इस अभियान के महत्व को समझाते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े संकटों से निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा।
विभागों का संयुक्त प्रयास:
श्री सिन्हा ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान में 15 विभागों का सहयोग है, जिनमें कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, जल संसाधन, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, और कई अन्य विभाग शामिल हैं। इस अभियान के तहत सार्वजनिक जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और नए जल स्रोतों का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही सौर ऊर्जा और वर्षा जल संचयन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
जैविक खेती और फसल अवशेष प्रबंधन:
कृषि मंत्री ने जैविक खेती और फसल अवशेष प्रबंधन की महत्वता पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि जैविक खेती से पर्यावरण की रक्षा होती है और यह स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद देती है। साथ ही, फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों को फसल अवशेष जलाने के बजाय उसे खाद के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने ड्रीप और स्प्रीक्लर सिंचाई को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान देने की घोषणा की है।
जल है तो कृषि है, कृषि है तो जीवन है:
कार्यक्रम के अंत में श्री विजय कुमार सिन्हा ने “जल है तो कृषि है, कृषि है तो जीवन है” के कथन के माध्यम से जल के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने सभी से अपील की कि जल संरक्षण में अपना योगदान दें ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल और कृषि दोनों सुरक्षित रह सकें।
इस अवसर पर कृषि विभाग के अन्य अधिकारी, जैसे कि मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली श्रीमती प्रतिभा रानी, निदेशक कृषि श्री नितिन कुमार सिंह, और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”