जीविका और पंजाब नेशनल बैंक की साझेदारी से ग्रामीण महिलाओं को मिला वित्तीय संबल

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पटना, 22 मई 2025: बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत जीविका और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के संयुक्त तत्वावधान में आज एक महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य की स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को उनकी आजीविका गतिविधियों के विस्तार के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

कार्यक्रम में जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा और पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हजारों महिला समूहों को मिली ऋण सहायता

जीविका की सक्रिय भागीदारी और पंजाब नेशनल बैंक की वित्तीय सहायता से हजारों महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इन ऋणों का उपयोग महिलाएं विभिन्न आय-सृजन गतिविधियों जैसे पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई और दुकान संचालन में कर रही हैं। इससे न केवल उनके परिवार की आय बढ़ रही है, बल्कि उन्हें समाज में प्रतिष्ठा और निर्णय लेने की शक्ति भी प्राप्त हो रही है।

इस बैंक लिंकेज कार्यक्रम के तहत जीविका स्वयं सहायता समूहों को अब तक ₹150 करोड़ का ऋण दिया जा चुका है। यह सहयोग अब केवल समूह स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि जीविका और PNB मिलकर व्यक्तिगत ऋण (Individual Loan) की सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं। इससे वे महिलाएं जो स्वतंत्र रूप से कोई विशेष उद्यम शुरू करना चाहती हैं, अब सीधे बैंक से व्यक्तिगत स्तर पर ऋण प्राप्त कर सकती हैं। यह पहल महिलाओं को उनकी आजीविका योजनाओं को बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने का अवसर दे रही है। साथ ही, जीविका दीदियों को ग्राहक सेवा केंद्र संचालित करने के लिए भी निधि प्रदान की गई। बीमा योजना से लाभान्वित दो लाभार्थियों के आश्रितों को ₹2-2 लाख के चेक भी प्रदान किए गए।

लखपति दीदी योजना पर जोर

कार्यक्रम में लखपति दीदी योजना पर भी विशेष रूप से चर्चा की गई। इस योजना का लक्ष्य जीविका से जुड़ी प्रत्येक दीदी की वार्षिक आय को ₹1 लाख या उससे अधिक करना है। बैंक लिंकेज इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है। पंजाब नेशनल बैंक के सहयोग से जीविका की दीदियों को उनकी आय-सृजन योजनाओं के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

लखपति दीदी कार्यक्रम के तहत चयनित दीदियों को विशेष प्रशिक्षण, बाजार से जुड़ने की सुविधा और अनुकूल वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इससे वे बुनियादी आजीविका गतिविधियों से आगे बढ़कर सूक्ष्म-उद्यमिता की दिशा में अग्रसर हो रही हैं। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा समर्थित ऋण योजनाएं इन दीदियों को सशक्त उद्यमी बनाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

कार्यक्रम के दौरान तीन जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्यों – बेबी रंजन, मनीषा देवी और शोभा देवी ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे समूह और बैंक से ऋण लेकर वे आज लखपति बन चुकी हैं।

महिलाओं की आत्मनिर्भरता से राज्य का विकास

इस अवसर पर जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (CEO) श्री हिमांशु शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री, बिहार की पहल पर शुरू की गई जीविका परियोजना वित्तीय समावेशन को केवल बैंक खाता खोलने तक सीमित नहीं मानती, बल्कि यह महिलाओं को उनके जीवन और भविष्य को संवारने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक जैसे संस्थानों के साथ जीविका की साझेदारी को इस दिशा में एक मील का पत्थर बताया। श्री शर्मा ने कहा, “जब महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं, तब न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव और राज्य प्रगति करता है।” उन्होंने यह भी बताया कि जीविका की दीदियां ऋण का समय पर भुगतान कर रही हैं, जिसके कारण उन्हें बैंकों का निरंतर सहयोग मिल रहा है। परियोजना द्वारा ₹12 हजार करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध कराई गई है और विभिन्न बैंकों के सहयोग से लगभग ₹60 हजार करोड़ ऋण के रूप में स्वयं सहायता समूहों को प्रदान की गई है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने और अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने का आह्वान किया।

पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) श्री अशोक चंद्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भागीदारी केवल बैंकिंग सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों में ऋण चुकाने की प्रवृत्ति अत्यंत सकारात्मक रही है, जिससे बैंक को इन महिलाओं पर पूर्ण विश्वास है और वे दीर्घकालिक भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने घोषणा की कि बैंक अब व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है और पंजाब नेशनल बैंक इस वर्ष 50 हजार से अधिक जीविका दीदियों को व्यक्तिगत ऋण प्रदान करेगा। उन्होंने सदस्यों से आह्वान किया कि वे किसी भी बैंकिंग परेशानी को अपने निकटतम शाखा के अधिकारी से साझा करें और उसका निदान कराएं।

इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण महिलाओं को ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिए एक सुलभ प्रक्रिया अपनाई गई है। जीविका परियोजना और बैंक दीदियों को निरंतर सहयोग दे रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पहले की तुलना में अधिक संख्या में बैंकिंग प्रणाली से जुड़ रही हैं।

यह साझेदारी आने वाले समय में और मजबूत होगी और राज्य की लाखों दीदियों को आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर ले जाएगी। जीविका और पंजाब नेशनल बैंक मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिहार की ग्रामीण महिलाएं न केवल लाभार्थी बनें, बल्कि वे समाज के आर्थिक विकास की भागीदार भी बनें।


Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher