पटना, 01 मई, 2025 : मौसम विभाग ने आज जारी अपने पूर्वानुमान में बताया है कि बिहार में अगले सात दिनों, यानी 01 मई से 07 मई 2025 तक वर्षा की गतिविधि बनी रहेगी। इसके साथ ही, विभाग ने अगले पाँच दिनों, यानी 01 मई से 05 मई 2025 के दौरान प्रदेश के कुछ स्थानों पर मेघगर्जन, वज्रपात, 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज सतही हवा चलने और ओलावृष्टि की प्रबल संभावना जताई है। आज, 01 मई 2025 को एक या दो स्थानों पर ओले गिरने की भी संभावना है।
आज के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसी तरह, दक्षिण-पूर्व राजस्थान के मध्य भागों और आसपास के क्षेत्रों पर भी एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। एक उत्तर-दक्षिण दिशा में ट्रफ रेखा दक्षिण-पूर्व राजस्थान के ऊपर बने चक्रवातीय परिसंचरण से लेकर उत्तर केरल तक फैली हुई है, जो पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाडा और आंतरिक कर्नाटक से होकर गुजरती है और समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तृत है। इसके अतिरिक्त, उत्तर बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर भी एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण 3.1 से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच सक्रिय है।
इन मौसमी प्रणालियों और राज्य के वायुमंडल में बढ़ी हुई नमी के कारण प्रदेश में 01 से 07 मई के बीच वर्षा (10-50 मिमी) होने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने इस दौरान वज्रपात से जान-माल और पशुधन की हानि की आशंका व्यक्त की है। ओलावृष्टि, आंधी और वज्रपात से खेतों में खड़ी फसलों और फलदार वृक्षों को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, झुग्गी-झोपड़ियों, टिन की छतों और कच्चे मकानों को भी क्षति पहुंचने की संभावना है, जिससे जान-माल एवं पशु हानि हो सकती है।
ऐसे मौसम में, जब बिजली चमकने या गरजने की आवाज सुनाई दे, तो किसानों और नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे तुरंत पक्के घरों में शरण लें। लोगों को पेड़ों के नीचे, खासकर अलग-थलग पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये बिजली के सुचालक होते हैं। किसान भाइयों को खराब मौसम के दौरान कृषि कार्य स्थगित करने और मौसम साफ होने के बाद ही काम करने की सलाह दी जाती है।
Santosh Srivastava “Anjaan Jee”