नई दिल्ली: भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप निदेशक, क्षितिज अग्रवाल ने No. 41015/3/2024-BC-III के माध्यम से आज एक महत्वपूर्ण परामर्श जारी करते हुए सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज से बचने की सलाह दी है। मंत्रालय ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका सभी हितधारकों को सख्ती से पालन करने का आग्रह किया गया है।
परामर्श में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी रक्षा अभियान या सुरक्षा बलों की गतिविधि से संबंधित वास्तविक समय की कवरेज, दृश्यों का प्रसार या स्रोतों पर आधारित रिपोर्टिंग से बचा जाना चाहिए। मंत्रालय का मानना है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा शत्रुतापूर्ण तत्वों के लिए मददगार साबित हो सकता है और इससे अभियानों की सफलता तथा सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मंत्रालय ने अतीत की घटनाओं, जैसे कारगिल युद्ध, मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले और कंधार विमान अपहरण का उल्लेख करते हुए जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया। इन घटनाओं के दौरान अनियंत्रित कवरेज के राष्ट्रीय हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़े थे। मंत्रालय ने कहा कि मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कानूनी दायित्वों के साथ-साथ यह एक साझा नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हमारी सामूहिक कार्रवाइयों से चल रहे अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
परामर्श में केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(पी) का भी हवाला दिया गया है, जो आतंकवाद विरोधी अभियानों की लाइव कवरेज को पहले से ही प्रतिबंधित करता है। इस नियम के अनुसार, ऐसे अभियानों की मीडिया कवरेज केवल सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली ब्रीफिंग तक ही सीमित रहनी चाहिए, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।
मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वाले चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी टीवी चैनलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करने की सलाह दी जाती है। मीडिया कवरेज केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली ब्रीफिंग तक सीमित रह सकती है, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त न हो जाए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया है कि वे कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय देते रहें और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें। यह परामर्श मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद जारी किया गया है।
Santosh Srivastava “Anjaan Jee”