रोजाना महाकुंभ से हजारों रील, तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया, जो एक पल में चीज़ों को वायरल कर देती है, अब लोगों के लिए समस्या बनती जा रही है। इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है।
इन दिनों 144 साल बाद आए महाकुंभ की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस बीच, महाकुंभ से रोजाना हजारों रील और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लेकिन यह सोशल मीडिया की ताकत अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। आम लोग ही नहीं, बल्कि साधु-संत भी इससे परेशान हो गए हैं। इंदौर की मोनालिसा, जो अपनी सुंदरता के कारण महाकुंभ में वायरल हो गई थीं, उन्हें इस प्रसिद्धि के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ा और वे वापस घर लौट आईं। इसी संदर्भ में एमपी के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने रील बनाने की कड़ी निंदा की है।
धीरेंद्र शास्त्री ने व्यक्त की आपत्ति
रविवार को हुए आदिवासी जनजागृति सम्मेलन में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान इंदौर की मोनालिसा के वायरल होने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “महाकुंभ कोई वायरल होने की जगह नहीं है, यह रियल अनुभव के लिए है। सोशल मीडिया पर जो वायरल होने का चलन है, वह लोगों को महाकुंभ के असली उद्देश्य से भटका रहा है।”
सोशल मीडिया ने मुश्किलें बढ़ाई
मोनालिसा, जो इंदौर से हैं, अपने परिवार के साथ रुद्राक्ष और मोतियों की माला बेचने का काम करती हैं और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर ये काम करती हैं। महाकुंभ में भी वे इसी उद्देश्य से पहुंची थीं, लेकिन उनकी सुंदरता ने उन्हें सोशल मीडिया सेंसेशन बना दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि उनकी प्रसिद्धि ने उनके काम को ही मुश्किल बना दिया। लोग उन्हें घेरकर उनके माला बेचने में रुकावट डालने लगे।
इसी तरह, भोपाल की हर्षा रिछारिया, जब महाकुंभ में पहुंची, तो उनकी एंट्री ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी। उनकी खूबसूरती को लेकर लोगों ने उन्हें “सुंदर साध्वी” का टैग दे दिया। हालांकि कुछ समय बाद, हर्षा पर संतों के अपमान के आरोप लगे और उनका वीडियो भी वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। इन सब परेशानियों से तंग आकर हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का निर्णय लिया।