मेरठ: मेरठ पुलिस ने ईद-उल-फितर के मौके पर सड़क पर नमाज अदा करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। पुलिस के अनुसार, जो लोग सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर नमाज अदा करेंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनका पासपोर्ट निरस्त करने की रिपोर्ट भी भेजी जाएगी, ताकि वे मक्का मदीना यात्रा या विदेश यात्रा न कर सकें।
पुलिस प्रशासन ने इस बार नमाज अदा करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ईदगाह के आसपास या सड़क पर नमाज न पढ़ी जाए। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे नमाज केवल मस्जिदों या निर्धारित स्थानों पर ही अदा करें। इसके अलावा, ईदगाह स्थल के पास पुलिस बल और आरएएफ तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी अव्यवस्था को रोका जा सके।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि इस बार नमाज केवल ईदगाह और फैज-ए-आम इंटर कालेज में ही अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज अदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी। साथ ही, ऐसे आरोपितों के पासपोर्ट तक निरस्त कराए जाएंगे, ताकि वे विदेश यात्रा न कर सकें।
पुलिस ने ड्रोन और वीडियो कैमरों से पूरे इलाके की निगरानी की तैयारी की है, ताकि सड़क पर नमाज अदा करने वालों की पहचान की जा सके और उन्हें तुरंत रोका जा सके। एडीजी जोन डीके ठाकुर ने भी इस आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि सड़क पर नमाज अदा करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी की आलोचना
इस फैसले पर रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे “आरवेलियन 1984 की ओर पुलिसिंग” करार दिया है। उनका कहना है कि यह कदम एक स्वतंत्र और खुले समाज के खिलाफ है और इससे जनता में भय का माहौल बनेगा।
संभल में छतों और सड़कों पर नमाज पर प्रतिबंध
संभल में भी पुलिस ने सड़कों और छतों पर नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां की प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे मस्जिदों और ईदगाहों में पारंपरिक तरीके से नमाज अदा करें। एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने शांति समिति की बैठकों में सड़क और छतों पर नमाज न पढ़ने पर सहमति जताई है।
तौकीर रजा का विवादित बयान
सड़क पर नमाज को लेकर देशभर में सियासी बयानबाजी जारी है। इस मुद्दे पर मौलाना तौकीर रजा ने यूपी सरकार को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि वह देश में कहीं भी खड़े होकर नमाज पढ़ेंगे और देखेंगे कि कौन उन्हें रोकता है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि जब किसी धर्म के लोग पूजा करने से नहीं रोके जाते हैं, तो मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में दखल क्यों दिया जा रहा है।
सड़क पर नमाज को लेकर इस तरह की बयानबाजी और कड़े पुलिस उपायों से देश में धार्मिक संवेदनाओं का माहौल और बढ़ सकता है, जो कि आने वाले दिनों में और तनावपूर्ण हो सकता है।