झारखंड में खुलेगा पहला खेल विश्वविद्यालय, खिलाड़ियों को मिलेगा शिक्षा और प्रशिक्षण का अनूठा संगम

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रांची: झारखंड के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी ! राज्य सरकार अब प्रदेश की उभरती हुई खेल प्रतिभाओं को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। जल्द ही झारखंड में एक विशेष खेल विश्वविद्यालय (Sports University) की स्थापना की जाएगी। यह विश्वविद्यालय खिलाड़ियों को न केवल उच्च स्तर का खेल प्रशिक्षण प्रदान करेगा, बल्कि उनकी शिक्षा की भी पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

यह महत्वपूर्ण निर्णय झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की एक संयुक्त बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने की।

खेल विश्वविद्यालय की आवश्यकता क्यों?

झारखंड में पहले से ही कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं, लेकिन अक्सर उन्हें उचित प्रशिक्षण और शिक्षा की सुविधाओं की कमी के कारण अपनी प्रतिभा को पूरी तरह से विकसित करने का अवसर नहीं मिल पाता है। यह खेल विश्वविद्यालय इन चुनौतियों का समाधान करेगा:

  • खिलाड़ियों को खेल के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त होगी।
  • उन्हें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा।
  • राज्य में खेलों को संस्थागत स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करने की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित होगा।

खेल विश्वविद्यालय से जुड़े मुख्य निर्णय:

  • खेल प्रशिक्षण + शिक्षा: एक साथ: इस विश्वविद्यालय में चयनित प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण के साथ-साथ प्लस-2 स्तर की शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए अकादमी परिसर में ही एक सरकारी स्कूल खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
  • छोटे बच्चों पर भी ध्यान: मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सुझाव दिया कि विदेशी देशों की तर्ज पर झारखंड में भी 4-5 साल की उम्र के बच्चों को खेल के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि वे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बन सकें।
  • अन्य मॉडलों का अध्ययन: झारखंड में सबसे उपयुक्त खेल विश्वविद्यालय मॉडल को लागू करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति बिहार के राजगीर और अन्य राज्यों में स्थापित खेल विश्वविद्यालयों का दौरा कर उनका अध्ययन करेगी।

खेलगांव में उपलब्ध सुविधाएं (आधारभूत ढांचा):

  • 200 एकड़ में फैला विशाल परिसर।
  • 4 इनडोर और 6 आउटडोर स्टेडियम।
  • आधुनिक छात्रावास, भोजन और शिक्षा की उत्तम व्यवस्था।
  • वर्तमान में 11 खेलों में प्रशिक्षण की सुविधा (भविष्य में विस्तार किया जाएगा)।
  • 47 कुशल प्रशिक्षक और सहायक स्टाफ।
  • कुल क्षमता: 1400 बच्चों की, वर्तमान में 220 प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं।

ऊर्जा आत्मनिर्भरता: सीसीएल लगाएगा सोलर प्लांट:

खेलगांव की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीसीएल ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कंपनी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड से 5 मेगावाट का सोलर पावर सिस्टम स्थापित करेगी। बिजली बिल में होने वाली बचत का उपयोग अन्य खेल गतिविधियों को और बेहतर बनाने में किया जाएगा।

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का होगा जीर्णोद्धार:

खेल विभाग ने बैठक में जानकारी दी कि खेलगांव का वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर लगभग 15 साल पुराना हो चुका है और अब उसे दुरुस्त करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने इस दिशा में तत्काल कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है।

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी:

  • अलका तिवारी – मुख्य सचिव, झारखंड
  • वंदना दादेल – प्रधान सचिव, गृह विभाग
  • मनोज कुमार – सचिव, खेल-कूद विभाग
  • उमाशंकर सिंह – सचिव, स्कूली शिक्षा विभाग
  • निलेंदु कुमार सिंह – CMD, CCL
  • खेल अकादमी और सोसायटी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी

झारखंड सरकार का यह दूरदर्शी कदम राज्य की युवा खेल प्रतिभाओं के भविष्य को एक नई दिशा दे सकता है। एक ऐसा संस्थान जहां खिलाड़ियों को खेल और शिक्षा दोनों का समान अवसर मिलेगा, निश्चित रूप से उनके समग्र विकास की नींव रखेगा और राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।


Rajesh Mohan Sahay

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