वेदांता ईएसएल का श्री अन्न न्यूट्री-शेक वितरण कार्यक्रम: बोकारो में पोषण का नया अध्याय

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बोकारो: ईएसएल स्टील लिमिटेड, जो भारत के प्रमुख इस्पात उत्पादकों में से एक है, ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को आगे बढ़ाते हुए बोकारो में श्री अन्न आधारित न्यूट्री-शेक वितरण कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समुदाय के बच्चों को पोषण प्रदान करके उनके स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री के पोषण अभियान के तहत राष्ट्रीय पोषण माह के अनुरूप शुरू किया गया है और झारखंड के 50 नंद घरों में न्यूट्री-शेक का वितरण किया जाएगा।

वेदांता ईएसएल स्टील लिमिटेड ने कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए इस पहल को शुरू किया है। नंद घर परियोजना, जिसे वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने आरंभ किया, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें श्री अन्न से बने न्यूट्री-शेक का वितरण किया जा रहा है, जो विटामिन और खनिजों से भरपूर हैं और बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं।

इस कार्यक्रम का फोकस विशेष रूप से बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक पोषण प्रदान करना है। न्यूट्री-शेक में रागी, बाजरा, फॉक्सटेल, कोडु, गुड़, प्लांट प्रोटीन आइसोलेट्स, कोको पाउडर और नारियल का दूध पाउडर शामिल हैं, जो पौष्टिक और सेहतमंद हैं। चॉकलेट फ्लेवर में तैयार किए गए ये शेक डेयरी-मुक्त हैं, जिससे यह उन बच्चों के लिए भी उपयुक्त है जिन्हें डेयरी उत्पादों से एलर्जी हो सकती है।

इस कार्यक्रम के तहत 10,000 से अधिक श्री अन्न प्रोटीन शेक वितरित किए जा चुके हैं, जिनका लक्ष्य बचपन में पोषण की कमी को दूर करना और बच्चों को संतुलित आहार के प्रति जागरूक करना है। स्टार्टअप मिलेट बाउल द्वारा निर्मित ये शेक एफएसएसएआई-प्रमाणित हैं और इनमें 23 आवश्यक विटामिन और खनिज होते हैं, जो बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं।

लॉन्च इवेंट में वेदांता ईएसएल स्टील लिमिटेड की मुख्य गुणवत्ता अधिकारी मीनाक्षी सभरवाल, सीएसआर प्रमुख कुनाल दरिपा, और बोकारो सदर अस्पताल की स्वास्थ्य पार्षद आभा कुमारी ने भाग लिया। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं के लिए गोद भराई समारोह और छह महीने के बच्चों के लिए अन्न प्रासन समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें माताओं और बच्चों को पोषण के महत्व के बारे में जानकारी दी गई और एनीमिया तथा संतुलित आहार के विषय में शिक्षित किया गया।

सीएसआर प्रमुख कुनाल दरिपा ने कहा, “हम झारखंड के 50 नंद घरों के माध्यम से बचपन में कुपोषण के मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहल प्रधानमंत्री के पोषण अभियान से मेल खाती है और बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है।”

वेदांता की नंद घर परियोजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। इस परियोजना के तहत पारंपरिक आंगनबाड़ियों को आधुनिक संसाधन केंद्रों में बदला जा रहा है, जो बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। नंद घरों में सौर ऊर्जा, डिजिटल शिक्षण सुविधाएं और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, ये केंद्र महिलाओं के लिए कौशल विकास और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।

ईएसएल स्टील लिमिटेड, जो बोकारो जिले के सियालजोरी गांव में स्थित है, 2.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता वाला ग्रीनफील्ड इस्पात संयंत्र संचालित करता है। यह संयंत्र पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए कार्य करता है और गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। कंपनी ने न केवल इस्पात उत्पादन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है, बल्कि सामाजिक कल्याण के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है।

वेदांता ईएसएल ने इस पहल के माध्यम से यह सिद्ध किया है कि वे सिर्फ एक उत्पादक नहीं हैं, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी समर्पित हैं। न्यूट्री-शेक वितरण कार्यक्रम, नंद घर परियोजना और अन्य सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम इसके जीवंत उदाहरण हैं।

यह पहल राष्ट्रीय पोषण अभियान को समर्थन देने के साथ-साथ झारखंड के बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री अन्न आधारित न्यूट्री-शेक का वितरण बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने और कुपोषण को कम करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इस प्रकार की योजनाओं से समुदाय के बच्चों को बेहतर पोषण मिलेगा और उनके समग्र विकास में सुधार होगा। वेदांता ईएसएल ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह न केवल एक प्रमुख इस्पात उत्पादक कंपनी है, बल्कि समाज के कल्याण के प्रति भी पूरी तरह समर्पित है।

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