सीसीएल ने वित्त वर्ष 2024-25 में रचा नया इतिहास: कोयला उत्पादन और प्रेषण में गढ़े नए कीर्तिमान

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उत्कृष्ट उत्पादन: आत्मनिर्भर भारत की ओर सशक्त कदम


रांची, 8 अप्रैल 2025 – सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने वित्त वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए कोयला उत्पादन और प्रेषण के क्षेत्र में नए शिखर छू लिए हैं। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 87.5 मिलियन टन (एमटी) कोयले का उत्पादन दर्ज किया है, जो इसकी स्थापना के बाद से सर्वाधिक वार्षिक उत्पादन है। इसके साथ ही, सीसीएल ने 85.9 मिलियन टन कोयले का प्रेषण कर एक और ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में सीसीएल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस शानदार सफलता में आम्रपाली-चंद्रगुप्ता, बरकासयाल, मगध-संघमित्र, पिपरवार, उत्तर कर्णपुरा, रजरप्पा और राजहरा जैसी प्रमुख परियोजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन क्षेत्रों ने न केवल उच्च उत्पादन सुनिश्चित किया, बल्कि गुणवत्तापूर्ण कोयला डिस्पैच में भी सराहनीय प्रदर्शन किया।

पर्यावरण-संवेदनशील खनन: हरियाली और नवाचार की दिशा में अग्रसर

सीसीएल पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ खनन पद्धतियों को अपनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, कंपनी ने झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया है, जिससे क्षेत्र की हरियाली और जैव विविधता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, रजरप्पा क्षेत्र में मियावाकी पद्धति के तहत सघन वृक्षारोपण किया गया है, जो कम समय में घने और स्थायी वन विकसित करने की एक आधुनिक तकनीक है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ाना और खनन प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरणीय संतुलन को बहाल करना है।

सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भी सीसीएल ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। कंपनी ने इस वर्ष कुल 287.9 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया है, जिससे लगभग 20,153 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है। वर्तमान में, सीसीएल ने 1.25 मेगावाट की रूफटॉप सौर क्षमता और 24 मेगावाट की भूमि आधारित सौर परियोजनाएं (पिपरवार में 20 मेगावाट और गिरिडीह में 4 मेगावाट) सफलतापूर्वक स्थापित की हैं। इसके अतिरिक्त, वर्ष के भीतर 2.05 मेगावाट रूफटॉप क्षमता की स्थापना भी पूरी की गई। बरकासयाल क्षेत्र में 5 मेगावाट की एक और भूमि आधारित सौर परियोजना निर्माणाधीन है, जिसे वित्त वर्ष 2025-26 में चालू करने की योजना है। गिरिडीह क्षेत्र में 150 मेगावाट क्षमता वाली एक बड़ी सौर परियोजना के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है, जिसे वित्त वर्ष 2026-27 तक चालू करने का लक्ष्य है। कंपनी ने वर्ष 2029-30 तक विद्युत खपत के मामले में नेट-जीरो का लक्ष्य निर्धारित किया है।

कोयला प्रेषण में तकनीकी क्रांति: सीएचपी परियोजनाओं से दक्षता में वृद्धि

कोयले के प्रेषण को अधिक पर्यावरण अनुकूल और यंत्रीकृत बनाने के उद्देश्य से, सीसीएल विभिन्न कोल हैंडलिंग प्लांट्स (सीएचपी) की स्थापना कर रही है। कारो सीएचपी, कोनार सीएचपी और केबीपी पूर्णाडीह सीएचपी निर्माणाधीन हैं, जबकि नॉर्थ उरीमारी सीएचपी पहले से ही सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। ये सभी सीएचपी क्लोज्ड-लूप और पूर्ण रूप से यंत्रीकृत प्रणालियाँ हैं, जो सड़क परिवहन को समाप्त कर कोयला डिस्पैच में तेजी और दक्षता लाती हैं। इससे डीजल की खपत में कमी आती है और धूल व वाहन जनित प्रदूषण घटता है, जिससे क्षेत्रीय पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह सभी परियोजनाएं सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह के कुशल नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, और टीम सीसीएल कोयला उत्पादन एवं प्रेषण को तकनीकी रूप से और मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

जनस्वास्थ्य की दिशा में बड़ा कदम: सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी सीसीएल ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। काँके, रांची में 200 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (कार्डियोलॉजी, पल्मोनोलॉजी एवं न्यूरोलॉजी से संबंधित) स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए सीसीएल ने बाबासाहेब अंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अस्पताल झारखंड के आम नागरिकों को अत्यंत रियायती दरों पर उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास माननीय कोयला मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा किया गया है, जो सीसीएल के समावेशी विकास के दृष्टिकोण को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

सामाजिक उत्तरदायित्व: शिक्षा, खेल और स्वास्थ्य में समर्पण

सीएसआर के तहत, सीसीएल ने समाज कल्याण के लिए कई प्रगतिशील योजनाएं चलाई हैं। ‘सीसीएल के लाल’ और ‘सीसीएल की लाडली’ जैसी योजनाओं के माध्यम से कोयला क्षेत्रों के वंचित और प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त आईआईटी कोचिंग, आवास, भोजन एवं स्कूली शिक्षा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में 80 छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी झारखंड सरकार के सहयोग से झारखंड स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (JSSPS) का संचालन कर रही है, जिसमें 11 खेल विधाओं में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अकादमी के कैडेट्स ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर राज्य और देश को गौरवान्वित किया है।

कंपनी ने चतरा और लातेहार जैसे महत्वाकांक्षी जिलों के 100% क्षय रोग (टीबी) मरीजों को ‘नि-क्षय मित्र’ के रूप में गोद लिया है। इसके अलावा, श्री सत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के साथ सहयोग कर कमांड क्षेत्र के 500 बच्चों की जन्मजात हृदय रोग से संबंधित जांच और सर्जरी की व्यवस्था की जा रही है। सीसीएल ने 193 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की स्थापना की है। साथ ही, 1,251 युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिनमें से 900 से अधिक को रोजगार प्राप्त हुआ है। वर्ष भर आयोजित स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लगभग 2 लाख ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सीसीएल की आजीविका योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तकरघा, मशरूम उत्पादन और परिधान सिलाई इकाइयों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।

सीसीएल का योगदान केवल कोयला उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्था झारखंड एवं पूरे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में एक निर्णायक भूमिका निभा रही है। कंपनी आधुनिक तकनीकों, डिजिटलीकरण और सुरक्षा नवाचारों को अपनाते हुए उत्पादन में दक्षता एवं गुणवत्ता को लगातार बढ़ा रही है। सुरक्षा, उत्पादन, पर्यावरण और सामाजिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाते हुए सीसीएल देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रही है।

इस अवसर पर सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह ने कहा, “सीसीएल देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित और सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सभी मंत्रालयों, विशेष रूप से कोयला मंत्रालय, सभी श्रमिकों, ग्रामीणों और हितधारकों को सीसीएल की इस सफलता पर उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। सीसीएल की प्राथमिकता केवल कोयला उत्पादन ही नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, समावेशी विकास और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति को सशक्त बनाना भी है। टीम सीसीएल अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए संकल्पबद्ध है।”

सीसीएल का यह शानदार प्रदर्शन न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह ऐतिहासिक उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।


संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”

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