नेता प्रतिपक्ष की विधि व्यवस्था संबंधी टिप्पणी पर बिहार पुलिस का स्पष्टीकरण

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बिहार पुलिस मुख्यालय, 11.04.2025 : हाल ही में माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए राज्य की विधि व्यवस्था पर टिप्पणी की गई है। इस संबंध में बिहार पुलिस मुख्यालय अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करता है:

माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा जिन घटनाओं का हवाला दिया गया है, उनमें से अधिकांश घटनाएं वर्ष 2025 के माह जनवरी से वर्तमान तक की प्रतीत होती हैं। दुर्भाग्यवश, प्रेस विज्ञप्ति में केवल घटनाओं के शीर्षक दिए गए हैं और उनमें तिथि, थाना या विस्तृत विवरण का उल्लेख नहीं है। इस अस्पष्टता के कारण सभी घटनाओं की पहचान करना संभव नहीं हो पाया है। पुलिस द्वारा गहन पड़ताल के बाद मात्र 46 घटनाओं की पहचान की जा सकी है, जिनके आधार पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक की जा रही है। इन सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच जारी है।

इन 46 चिन्हित घटनाओं के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि इनमें से अधिकांश घटनाएं छोटे-छोटे कारणों से घटित हुई हैं, जैसे रुपयों का लेनदेन, बच्चों का झगड़ा, पूर्व के आपसी विवाद, भूमि विवाद, प्रेम प्रसंग, मोबाइल के लेनदेन इत्यादि। यह दर्शाता है कि इनमें से अधिकांश मामले सामान्य प्रकृति के विवादों से संबंधित हैं। बिहार पुलिस छोटी या बड़ी, सभी घटनाओं को गंभीरता से लेती है और कांडों का उद्भेदन कर दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करती है।

राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, अपराध दर (प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर) के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का स्थान हत्या के शीर्ष में 14वां है। हत्या के मामलों में बिहार का अपराध दर वर्ष 2019 से 2021 तक क्रमशः 2.6, 2.6 और 2.3 रहा है। वर्ष 2022 में भी हत्या का अपराध दर 2.3 ही रहा है, जो पिछले वर्षों से स्थिर है। अधिकांश हत्या की घटनाएं व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों या प्रेम प्रसंग के कारण दर्ज हुई हैं।

विभिन्न वर्षों में हत्या के कारण:

कारण 2021 2022 2023
व्यक्तिगत दुश्मनी या रंजिश 591 804 703
विवाद 1081 980 1071
अवैध संबंध 106 132 76
प्रेम प्रसंग 174 171 259
दहेज हत्या 195 220 210
अन्य 2799 2930 2862
कुल हत्याएं 69.73% 71.20% 73.69%

राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी “Crime in India 2022” की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवेदित कुल संज्ञेय अपराध की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 422.2 है, जबकि बिहार में यह दर 277.1 है। इसी प्रकार, भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित कुल अपराध की राष्ट्रीय दर 258.1 है, जबकि बिहार में यह दर 168.1 है।

संज्ञेय अपराध दर के आधार पर कुछ बड़े राज्यों से बिहार राज्य की तुलना:

राज्य अपराध दर
सम्पूर्ण भारतवर्ष 422.2
आन्ध्र प्रदेश 368.2
छत्तीसगढ़ 404.2
गुजरात 738.9
हरियाणा 810.4
केरल 1274.8
मध्य प्रदेश 569.3
महाराष्ट्र 443.0
उड़ीसा 386.7
राजस्थान 388.8
तमिलनाडु 617.2
उत्तर प्रदेश 322.0
बिहार 277.1

उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि बिहार पुलिस विधि व्यवस्था संधारण तथा अपराध नियंत्रण की दिशा में निरंतर सक्रियता से कार्य कर रही है। अनावश्यक टीका-टिप्पणी से पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बिहार पुलिस पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अपना कर्तव्य निर्वहन कर रही है।


Santosh Srivastava “Anjaan Jee”

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