गुना, शुक्रवार, 11 अप्रैल, 2025 – आगामी 13 अप्रैल, 2025 को गायत्री मंदिर के द्वितीय तल पर एक विशेष योगनिद्रा ध्यान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस गहन विश्राम और ध्यान की प्रक्रिया से जुड़कर प्रतिभागी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
इस ध्यान अभ्यास से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, योगाचार्य महेश पाल ने प्रतिभागियों से कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया है:
- योग निद्रा के लाभ
- तनाव और चिंता को कम करना
- नींद की गुणवत्ता में सुधार करना
- शरीर और मन को आराम देना
- ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि सीखने की क्षमता में वृद्धि
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार
- मानसिक थकान दूर
- अभ्यास से एक दिन पहले:
- सुबह का नाश्ता: फल, सलाद, अंकुरित अनाज जैसे हल्का और पौष्टिक भोजन लें।
- दोपहर का भोजन: सात्विक भोजन करें, जिसमें चावल, रोटी, हरी सब्जियां और उड़द की दाल को छोड़कर सभी प्रकार की दालें शामिल हो सकती हैं।
- शाम का भोजन: सात्विक और हल्का भोजन शाम 5 या 6 बजे तक कर लें। यदि इस समय भोजन संभव न हो, तो रात्रि में भोजन न करें और केवल एक गिलास दूध पी सकते हैं।
- रात्रि विश्राम: रात 10 बजे तक सो जाएं।
- प्राणायाम: सोने से पहले 5 मिनट तक सामान्य श्वास-प्रस्वास प्राणायाम का अभ्यास अवश्य करें।
- अभ्यास के दिन:
- सुबह उठना: सुबह 5 बजे उठकर नित्य शौच क्रिया और स्नान से निवृत्त हों।
- प्रातः पेय: एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
- ध्यान स्थल पर पहुंचना: सुबह 6:00 बजे योगनिद्रा ध्यान के अभ्यास के लिए गायत्री मंदिर के द्वितीय तल पर पहुंचे।
इन नियमों का पालन करने से प्रतिभागी न केवल अपनी समस्याओं से राहत पा सकेंगे, बल्कि अपनी उच्च चेतना को ईश्वरीय चेतना से जोड़ने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा सकेंगे।
Rajesh Mohan Sahay, Ranchi