पटना, 16.04.2025: विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू), पटना ने श्री प्रिंस राज, जो वर्ष 2019 में बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अंचलाधिकारी के रूप में योगदान दिए थे और वर्तमान में कोशी कमिश्नरी में (निलंबित प्रतिनियुक्त) हैं, के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक महत्वपूर्ण मामला दर्ज किया है।
श्री प्रिंस राज पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सरकारी सेवा के दौरान अवैध और अनुचित तरीकों से अत्यधिक संपत्ति अर्जित की है, जो उनके वैध वेतन और अन्य ज्ञात स्रोतों से प्राप्त आय की तुलना में कहीं अधिक है। इन आरोपों के आधार पर, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2) एवं 12 तथा बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2023 की धारा 61(2)(डी) के तहत आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, कांड में वर्णित आरोपों के आधार पर उनकी ज्ञात आय से लगभग 93 प्रतिशत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला बनता है।
कांड दर्ज होने के पश्चात, विशेष निगरानी इकाई ने माननीय न्यायालय में आवेदन देकर अभियुक्त के खिलाफ तलाशी वारंट प्राप्त किया। इस तलाशी वारंट के आधार पर, एसवीयू की टीमें अभियुक्त के मधुबनी एवं शेखपुरा स्थित आवासों पर गहन तलाशी अभियान चला रही हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह ज्ञात हुआ है कि अभियुक्त ने अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न स्थानों पर पदस्थापन के दौरान बड़ी मात्रा में चल और अचल संपत्ति अर्जित की है, जिसका प्रारंभिक विवरण निम्नवत है:
- प्रिंस राज का आवासीय परिसर, ग्राम-श्रीपुरजाप, पोस्ट-हिसाब, थाना-केसरिया, बेनीपट्टी, जिला-मधुबनी।
- प्रेमिस का आवासीय परिसर, ग्राम-आदान गुफ्तार, अतरी, शेखपुरा, बिहार (राजो सिंह सेतु के नजदीक), जिला-शेखपुरा।
- दीपाहार गांव में आवासीय मकान, पोस्ट-सैदा, जिला-शेखपुरा।
- चौकीदार के पास, मधुबनी में निर्माणाधीन आवासीय परिसर।
छापेमारी के दौरान एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी सामने आई कि अभियुक्त ने बिहार विद्यालय मैट्रिक परीक्षा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण की थी, जिसमें उनका नाम धर्मेन्द्र कुमार था। चूंकि द्वितीय श्रेणी के उत्तीर्ण छात्र आई.टी.आई. में प्रवेश के लिए मान्य नहीं थे, इसलिए अभियुक्त ने प्रिंस राज के नाम से अपना दूसरा फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और इसी का उपयोग कर बीपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इस प्रकार, अभियुक्त ने लगभग चार वर्षों तक अपनी जन्मतिथि का अवैध लाभ उठाया है, जो वर्तमान में अनुसंधान का विषय है।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि श्री प्रिंस राज और उनकी पत्नी के नाम पर कई आवासीय मकान/फ्लैट हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न बैंकों में श्री प्रिंस राज तथा उनकी पत्नी के नाम से बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश और लाखों रुपये के जेवरात का भी पता चला है, जिस पर विस्तृत अनुसंधान किया जाएगा। छापेमारी के दौरान अभियुक्त की पत्नी श्रीमती अंकु गुप्ता के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया, हजारीबाग में एक लॉकर की जानकारी भी प्राप्त हुई है। छापेमारी के दौरान इनके द्वारा अर्जित अकूत नामी एवं बेनामी संपत्ति के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जो प्रथम सूचना प्रतिवेदन में वर्णित अवैध आय की तुलना में कई गुना अधिक हैं।
प्रथम दृष्टया, श्री प्रिंस राज ने अपने सरकारी सेवा काल में रहते हुए नाजायज तरीके से चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त एक भ्रष्ट लोक सेवक हैं। विशेष निगरानी इकाई इस मामले की गहन जांच कर रही है और कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
बिहार सरकार के कार्यालयों एवं उपक्रमों से संबंधित भ्रष्टाचार, रिश्वत की मांग आदि की किसी भी शिकायत या सूचना के लिए विशेष निगरानी इकाई कार्यालय से संपर्क करें। आप निम्नलिखित फोन नंबरों पर भी सूचना दे सकते हैं: मोबाइल नं0- 9431800135, 9431800122, दूरभाष सं0- 0612-2506253, पता- विशेष निगरानी इकाई, 05, दारोगा राय पथ, बिहार पटना-800001
Santosh Srivastava “Anjaan Jee”