पटना, 03 मई, 2025: बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने साइबर अपराध के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए दो ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो एक डॉक्टर को फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का डर दिखाकर दो लाख रुपये की रंगदारी मांग रहे थे। यह गिरफ्तारी ईओयू द्वारा प्राप्त एक सूचना के आधार पर की गई।
ईओयू, जो राज्य में आर्थिक और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एक प्रमुख एजेंसी है, को दिनांक 02 मई 2025 को शगुना मोड़, पटना स्थित एक अस्पताल के चिकित्सक ने शिकायत दर्ज कराई थी। डॉक्टर ने बताया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें फोन किया और खुद को सेवानिवृत्त आईएएस कमिश्नर बताकर ईडी की कार्रवाई का भय दिखाया। उन्होंने डॉक्टर से कहा कि वे ईडी से मामले को ‘मैनेज’ करा देंगे, जिसके एवज में उन्हें दो लाख रुपये देने होंगे।
इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए ईओयू ने तत्काल आर्थिक अपराध थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान, ईओयू की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कल, यानी 02 मई 2025 को इस अपराध में शामिल दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए अपराधियों के मोबाइल फोन की जांच करने पर पुलिस को सेवानिवृत्त कमिश्नर कारू राम के नाम से बनाया गया एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट मिला। इस अकाउंट में कई अन्य लोगों से भी इसी तरह भयादोहन करने के सबूत पाए गए हैं।
ईओयू अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि इन अपराधियों ने इस तरीके से और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि रंगदारी की रकम किन-किन खातों के माध्यम से वसूली गई है। फिलहाल, इस मामले में राजेश कुमार और रंजीत कुमार, दोनों के पिता साधु सिन्हा, निवासी सुल्तानपुर भट्ठा पर, वार्ड नंबर-15, दानापुर, पटना को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से दो कीपैड मोबाइल और एक स्मार्टफोन बरामद किया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।
Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher