संजय कुमार विनीत : भारत की बेटी और नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीत विलियम्स का इंतजार आज खत्म हो गया। नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स अब पृथ्वी पर नौ महीने बाद वापस आ चुके हैं।कई बार उन्हें धरती पर लाने की कोशिश हुई,मगर अब जाकर सफलता मिली है। नासा ने सुबह-सुबह यह बड़ी खुशखबरी दी है। ये भारत और पूरे विश्व के लिए गौरव, गर्व और राहत का क्षण है, उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अमेरिका के 21 हिंदू मंदिरों में प्रार्थनाएं की गईं थी।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने पहले अंतरिक्ष गए थे। पिछले वसंत में बोइंग की एक टेस्ट फ्लाइट में खराबी की वजह से ये एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में फंस गए थे,5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से लॉन्च करने के बाद दोनों के एक या दो हफ्ते में वापस आने की उम्मीद थी। लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में इतनी सारी दिक्कतें आईं कि आखिरकार नासा को स्टारलाइनर को खाली वापस भेजना पड़ा और टेस्ट पायलटों को स्पेसएक्स में ट्रांसफर करना पड़ा, जिससे उनकी घर वापसी फरवरी में नहीं हो पाई थी, इसके बाद स्पेसएक्स कैप्सूल की दिक्कतों के कारण एक महीने की और देरी हुई।
इसके बाद लगा कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कभी वापस आ ही नहीं पाएंगे,सभी चिंता में थे।कई बार उन्हें धरती पर वापस लाने का मिशन टालना पड़ा। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्री भी धरती पर उतरे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से बाहर सेफली बाहर निकालकर उनकी सेहत की जांच की गई। नासा ने बताया कि सुनीता विलियम्स समेत अन्य अंतरिक्ष यात्री सेफ हैं और पूरी तरह ठीक स्वस्थ हैं। परिजनों और शुभचिन्तको से मिलने के लिए इन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा। अब जब वह घर वापस आ गई हैं तो ऐसा लगता है कि सुनीता विलियम्स और अन्य एस्ट्रोनॉट का दूसरा जन्म हुआ है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रवाना होने के कुछ ही घंटों बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वाला स्पेसएक्स कैप्सूल पैराशूट से मैक्सिको की खाड़ी में उतरे। फ्लोरिडा पैनहैंडल में तल्हासी के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ। इसके बाद पूरी दुनिया में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। एक घंटे के अंदर ही ये अंतरिक्ष यात्री अपने कैप्सूल से बाहर आ गए और कैमरों के सामने हाथ हिलाते और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।इसके बाद नियमित मेडिकल जांच के लिए उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया। अभी कुछ समय इन्हें डाक्टर के देखरेख में रहना होगा।
स्पेस में मौजूद शून्य गुरुत्वाकर्षण की वजह से उनके शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो गई होंगी, इसलिए धरती पर लौटने पर गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में उन्हें कुछ समय लगेगा। धरती के अनुकूल उन्हें बनाने के लिए सबसे पहले डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की संपूर्ण जांच करेगी। हृदय, ब्लड प्रेशर, आंखों की रोशनी, मांसपेशियों की स्थिति, हर तरह की जांच की जाएगी। उनका मेंटल हेल्थ भी चेक किया जाएगा, तब तक उन्हें किसी से भी मिलने नहीं दिया जाएगा।
सुरक्षित वापसी से भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में खुशी की लहर है।केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत और पूरे विश्व के लिए गौरव, गर्व और राहत का क्षण बताया। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अमेरिका के 21 हिंदू मंदिरों में प्रार्थनाएं की गईं थी विश्व हिंदू परिषद अमेरिका के अध्यक्ष तेजल शाह ने बताया कि विलियम्स की भारतीय और स्लोवेनियाई विरासत को देखते हुए कई लोगों ने उनके लिए शुभकामनाएं भेजी थीं। वहीं, विलमोर के चर्च में भी उनके लिए प्रार्थनाएं की गईं।