टंडवा अंचल में भू-माफियाओं का आतंक जारी, भूदान की जमीनों पर डाका

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चतरा, झारखंड, 20 अप्रैल 2025 – टंडवा अंचल क्षेत्र में भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वे लगातार फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला मौजा किसुनपुर के खाता संख्या 115 से जुड़ा है, जहाँ शोषित और वंचित वर्ग को आवंटित भूदान की जमीनों पर बाहरी अज्ञात लोगों द्वारा अवैध जमाबंदी करा दी गई है। इस सनसनीखेज घटना ने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है और लोगों को यह समझने में मुश्किल हो रही है कि आखिर भू-माफियाओं का गठजोड़ कितना गहरा है।

सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि क्षेत्र से बाहर के अज्ञात लोगों द्वारा अहस्तांतरणीय जमीनों की अवैध जमाबंदी कैसे कराई गई। इस गंभीर मामले में संबंधित अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है और उनके गहरे राज को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

सूत्रों की मानें तो जैसे-जैसे इस फर्जीवाड़े की परतें खुल रही हैं, माफियाओं, अधिकारियों और बिचौलियों के गठजोड़ में हड़कंप मच गया है। उन्हें डर है कि कहीं जांच एजेंसियों की नजर उनके अवैध रूप से अर्जित धन पर न पड़ जाए।

यह उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चतरा जिला प्रशासन ने भी फर्जीवाड़ा के मामलों में संगठित गिरोहों के साथ कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिकाओं का जिक्र करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। भूदान की जमीनों के मामले में, जब पट्टे में स्पष्ट रूप से हस्तांतरण निषिद्ध है, तो दूसरे जिले के लोगों के नाम पर जमाबंदी होना संगठित गिरोहों के उच्च-प्रोफाइल भूमि फर्जीवाड़े की भयावह तस्वीर पेश करता है।

शोषित और वंचितों के विरुद्ध इस प्रकार के फर्जीवाड़े पर चुप्पी साधने वाले अब बेनकाब होने लगे हैं। जब जिला प्रशासन ने यह पुष्टि कर दी है कि टंडवा में संगठित गिरोहों द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है, तो बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग अब केंद्रीय जांच एजेंसियों समेत न्यायिक प्राधिकार से जांच की गुहार लगा रहे हैं।

आशंका जताई जा रही है कि एक भ्रष्ट अधिकारी अवैध धनोपार्जन के लिए अपने मातहतों और रिश्तेदारों की मदद से इस साजिश और फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है। क्षेत्र के लोग मांग कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भू-माफियाओं के इस आतंक को समाप्त किया जा सके और गरीब तथा जरूरतमंद लोगों की जमीनों को सुरक्षित किया जा सके।


Rajesh Mohan Sahay, Ranchi

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