सियासी पारा हाई: चिराग पासवान ने खुद को घोषित किया नीतीश का विकल्प, बिहार की राजनीति में गरमाई बहस

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पटना, 07 जून, 2025: बिहार की सियासत में इन दिनों लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के मुख्यमंत्री पद के दावे को लेकर जबरदस्त हलचल है। उनके सार्वजनिक बयानों ने ऐसे समय में सियासी गलियारों में कयासों को गरमा दिया है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधी लगातार यह बात कह रहे हैं कि 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद वे मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, जिसका हवाला उनके स्वास्थ्य को दिया जा रहा है।

चिराग का महत्वाकांक्षी ऐलान

चिराग पासवान ने खुद ऐलान किया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, और उनकी पार्टी के कई नेता उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बता रहे हैं। इस घोषणा ने सत्तारूढ़ भाजपा और जेडीयू के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। हालांकि, भाजपा नेतृत्व की ओर से यह जरूर कहा जा रहा है कि चिराग पासवान अपनी पार्टी के हिस्से में गई किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।

चिराग की बढ़ती स्वीकार्यता और भाजपा की चुनौती

लोकसभा चुनाव 2024 में लोजपा (राम विलास) ने 6.47% वोट शेयर के साथ पाँच सीटें जीती थीं, हालांकि यह अभी भी नीतीश कुमार की जेडीयू (18.52% वोट शेयर) जितनी बड़ी पार्टी नहीं है। बावजूद इसके, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट में एक भाजपा नेता ने स्वीकार किया है कि चिराग पासवान में अपनी पार्टी के पारंपरिक आधार (मुख्यतः पासवान वोटबैंक) से परे स्वीकार्यता वाले नेता बनने की क्षमता है। बिहार के एक वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद ने कहा, “वह सिर्फ 4% वोट वाले पासवानों के नेता बनकर खुद को सीमित नहीं रखना चाहते हैं। उन्हें अपना आधार बढ़ाना है और इसके लिए वे अपने पत्ते खेल रहे हैं।”

बिहार भाजपा नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व बिहार जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में पार्टी के लिए कोई मजबूत चेहरा तैयार करने में विफल रहा, और इसी का फायदा चिराग पासवान उठा रहे हैं। एक भाजपा नेता ने कहा, “चिराग पासवान बार-बार यह कह रहे हैं कि वह बिहार के किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह दर्शाता है कि वे बिहार की राजनीति में अगले नीतीश कुमार बनना चाहते हैं।”

नीतीश कुमार का विकल्प और भाजपा की रणनीति

यह बात जगजाहिर है कि नीतीश कुमार ने लगभग दो दशकों तक बिहार पर बिना किसी एक पार्टी के 20% से अधिक वोट शेयर के बावजूद शासन किया है। उन्हें हर जगह से एक सर्वमान्य नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जाता है। भाजपा के भीतर यह चर्चा तेज है कि पार्टी इन दिनों नेता नहीं, केवल कार्यकर्ता बनाती है।

भाजपा के शीर्ष नेताओं का मानना है कि उनके पास सभी मौजूदा सहयोगियों को एक साथ रखने और नीतीश कुमार को चेहरा बनाकर आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नई दिल्ली में एक भाजपा नेता ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “उनकी (नीतीश कुमार की) स्वास्थ्य स्थिति के बारे में रिपोर्ट अच्छी नहीं हैं, लेकिन उनका चेहरा वोट लाता है और उनकी विरासत महत्वपूर्ण है। अभी तक ऐसा लगता है कि ‘जब तक हो सकेगा, तब तक चलेगा’। पार्टी के पास उनके साथ जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” चिराग के इस दावे ने बिहार की आगामी चुनावी बिसात को और भी दिलचस्प बना दिया है।


Sanjay Kumar Binit
News Editor (Bhagalpur)

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