पटना, 29 मार्च: राजधानी के सबसे व्यस्त अशोक राजपथ पर यातायात की समस्या और ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए बन रहे डबल-डेकर फ्लाईओवर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है। इस परियोजना की लागत 422 करोड़ रुपये है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
अप्रैल में होगा उद्घाटन
पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि फ्लाईओवर का निर्माण इसी महीने पूरा हो जाएगा और इसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस डबल-डेकर फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किमी होगी। इसका पहला स्तर 1.5 किमी लंबा होगा, जो पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक होगा, जबकि दूसरा स्तर कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक जाएगा।
पटना मेट्रो से भी होगी कनेक्टिविटी
इस फ्लाईओवर को पटना मेट्रो, बाकरगंज नाला पर सड़क और पीएमसीएच में प्रस्तावित मल्टी-लेवल कार पार्किंग से जोड़ा जाएगा। साथ ही, यह जेपी गंगा पथ (पटना रिवर फ्रंट) से कृष्णा घाट से भी लिंक होगा।
छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को मिलेगा लाभ
अशोक राजपथ, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय और पटना सिटी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने में यह फ्लाईओवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि इससे उन्हें ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
आधुनिक तकनीक से तैयार हो रहा डबल-डेकर फ्लाईओवर
इस फ्लाईओवर का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि परियोजना का आधारभूत निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब सुपर-स्ट्रक्चर तथा फिनिशिंग कार्यों को तेज गति से पूरा किया जा रहा है।
परिवहन व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव
फ्लाईओवर के चालू होने से पटना की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। गांधी मैदान से साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज से गांधी मैदान की ओर जाने वाले वाहनों को अलग-अलग स्तरों पर नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा। मंत्री ने विश्वास जताया कि यह परियोजना राजधानी के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगी और पटना को एक आधुनिक, सुव्यवस्थित ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदान करेगी।