10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत, वादों के निपटारे के लिए डालसा की तेज तैयारी

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रांची: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देशानुसार, माननीय न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष श्री अनिल कुमार मिश्रा-1 के मार्गदर्शन में आगामी 10 मई को व्यवहार न्यायालय, रांची में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण लोक अदालत की सफलता के लिए डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) द्वारा तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। लोक अदालत से पहले प्री-काउंसलिंग की बैठकों का दौर जारी है, जो 9 मई तक चलेगा।

इसी क्रम में आज डालसा हॉल, रांची में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) के जज श्री निशांत कुमार की अध्यक्षता में बीमा कंपनियों के पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों और एमएसीटी के अधिवक्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पी.ओ. एम.ए.सी.टी. श्री निशांत कुमार, डालसा सचिव श्री रवि कुमार भास्कर, विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि, एमएसीटी अधिवक्ता और अन्य संबंधित व्यक्ति उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए पी.ओ., एम.ए.सी.टी. श्री निशांत कुमार ने बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे बीमा से संबंधित लंबित वादों की सूची तैयार करें और नोटिस जारी कर या टेलीफोन के माध्यम से वादियों को सूचित करें, ताकि अधिक से अधिक वादों का निपटारा किया जा सके और पीड़ितों को इसका लाभ मिल सके।

डालसा सचिव श्री रवि कुमार भास्कर ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत, जो 10 मई 2025 को आयोजित होने वाली है, में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करना ही हम सभी का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों और अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों और कार्यालयों में लोक अदालत के पोस्टर-बैनर लगाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें, साथ ही बीमा से संबंधित लंबित वादों को बेंच के समक्ष प्रस्तुत करें।

डालसा सचिव ने यह भी जानकारी दी कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पहले ही न्यायिक पदाधिकारियों, पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों और नोडल पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठकें की जा चुकी हैं। सभी बैंक और बीमा कंपनियों के साथ भी बैठकों का दौर जारी है।

श्री भास्कर ने वादियों से अपील की कि यदि उनका कोई भी सुलह योग्य वाद माननीय न्यायालय में लंबित है, तो वे राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन अपने वादों का निपटारा करा सकते हैं, जिससे उनके समय और धन दोनों की बचत होगी। राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के आपराधिक सुलहनीय मामले, दीवानी से संबंधित मामले, श्रम विवाद, वैवाहिक मामले, पारिवारिक विवाद, उत्पाद से संबंधित मामले, चेक बाउंस के मामले, वन विभाग के मामले, बिजली से संबंधित मामले, ट्रैफिक चालान से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण, मोटर वाहन दुर्घटना मामले, माप-तौल से संबंधित वाद और विवाह से संबंधित मामलों को चिन्हित करके संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा जा रहा है।


Rajesh Mohan Sahay