रांची, [24.03.2024] – झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी का पक्ष सुनने के बाद यह कदम उठाया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को होगी। मामले की सुनवाई जस्टिस एस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ कर रही है।
बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बताते हुए इसे अवैध करार दिया था। उनका कहना था कि डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी के अनुशंसित पैनल द्वारा की जानी चाहिए थी, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार ने यूपीएससी की प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए अपनी मर्जी से अनुराग गुप्ता को डीजीपी बना दिया।
बाबूलाल मरांडी ने इस संदर्भ में आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि जब तक राज्य सरकार नया कानून नहीं बनाती, तब तक डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी की प्रक्रिया के तहत ही की जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अनुराग गुप्ता चुनावी कदाचार में लिप्त पाये गए थे और दो वर्षों तक निलंबित रहे थे। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी, और चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी कार्य से दूर रखा था। इसके बावजूद, सरकार ने एक विवादास्पद और दागी अधिकारी को डीजीपी बना दिया, जो कि गंभीर सवाल खड़े करता है।
बाबूलाल मरांडी की ओर से इस मामले में अधिवक्ता सुमित गाडोदिया और शैलेश पोद्दार ने पैरवी की।