पटना, 10 अप्रैल, 2025: इस वर्ष, समस्त कायस्थ समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण और पावन अवसर आ रहा है। श्री चित्रगुप्त भगवान का अवतरण दिवस, जो चैत्र पूर्णिमा के शुभ दिन मनाया जाता है, इस वर्ष शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह दिन भगवान चित्रगुप्त के प्राकट्य का स्मरण करने और उनके दिव्य गुणों का चिंतन करने का है।
अंजान जी फाउंडेशन के संस्थापक संतोष श्रीवास्तव जी ने कहा की इस पवित्र अवसर पर अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिरों में अवश्य ही सामूहिक पूजन एवं हवन का आयोजन करें। भगवान चित्रगुप्त की आराधना से हमें उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है, जो हमारे जीवन में धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
यह स्मरण रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि श्री चित्रगुप्त भगवान का यह पावन अवतरण देवलोक में हुआ था। भगवान ब्रह्मा ने वर्षों तक कठोर तपस्या की थी, और उनकी इस तपस्या के फलस्वरूप ही चैत्र पूर्णिमा के इस मंगलमय दिन श्री चित्रगुप्त जी प्रकट हुए थे। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी ने ही श्री चित्रगुप्त जी को ब्रह्मांड में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी है। उन्हें पाप-पुण्य के लेखाकार के रूप में नियुक्त किया गया है, जो प्रत्येक प्राणी के कर्मों का सूक्ष्म विवरण रखते हैं। इसके साथ ही, वे धर्माधिकारी और न्याय के सर्वोच्च दंडाधिकारी भी हैं, जो मृत्यु के पश्चात प्राणियों के कर्मों के अनुसार न्याय करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 12 अप्रैल को पूर्वाह्न 03 बजकर 24 मिनट पर होगा। यह पवित्र तिथि अगले दिन, 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व माना जाता है, जिसके कारण श्री चित्रगुप्त अवतरण दिवस और चैत्र पूर्णिमा का यह महत्वपूर्ण पर्व 12 अप्रैल, 2025 को ही मनाया जाएगा।
अतः, आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है कि इस पावन अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में श्री चित्रगुप्त मंदिरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और भगवान चित्रगुप्त की भक्तिभाव से आराधना करें। उनकी उपासना से हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। भगवान चित्रगुप्त ज्ञान, न्याय और सत्य के प्रतीक हैं, और उनकी शरण में जाने से हमें इन गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करने की शक्ति मिलती है।
यह दिन न केवल भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना का है, बल्कि यह हमारे समुदाय के एकजुट होने और अपनी सांस्कृतिक एवं धार्मिक जड़ों को मजबूत करने का भी अवसर है। सामूहिक पूजन और हवन के माध्यम से हम अपनी एकता का प्रदर्शन करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को अपनी गौरवशाली परंपराओं से परिचित कराते हैं।
इस चैत्र पूर्णिमा पर हम सब मिलकर भगवान चित्रगुप्त का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को धर्म और न्याय के मार्ग पर अग्रसर करें।
निवेदक: अंजान जी फाउंडेशन
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