बेरमो, झारखंड, 20 अप्रैल, 2025 – झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। शनिवार, 19 अप्रैल 2025 को बेरमो में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका पर संदेह जताया और आरोप लगाया कि उनकी दखलअंदाजी के कारण रिम्स भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आ गया है।
श्री बाउरी ने कहा कि रिम्स झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के लिए इलाज का प्रमुख केंद्र है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप और दबाव के चलते यह संस्थान भ्रष्टाचार की आग में झोंका जा रहा है।
उन्होंने रिम्स के दलित निदेशक डॉ. राजकुमार को बिना किसी पूर्व सूचना, कारण या जांच के पद से हटाए जाने को सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार ईमानदार अधिकारियों को संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ काम नहीं करने देना चाहती। उन्होंने जोर देकर कहा कि डॉ. राजकुमार के खिलाफ आज तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है और उनके पिछले 14 महीने के कार्यकाल को ईमानदारी और दक्षता का प्रमाण माना जाता रहा है।
श्री बाउरी ने हेल्थमैप और मेडाल जैसी आउटसोर्स कंपनियों में महालेखाकार (AG) की रिपोर्ट में उजागर हुई गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया, जिनमें फर्जी बिल, डॉक्टरों के नकली हस्ताक्षर और अन्य वित्तीय गड़बड़ियां शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री इन कंपनियों के फर्जी बकायों का भुगतान करने के लिए निदेशक पर दबाव बना रहे थे। इसके अतिरिक्त, कैबिनेट द्वारा स्वीकृत एमआरआई मशीन के टेंडर को रद्द करके अपने पसंदीदा ठेकेदार को टेंडर दिलाने के लिए भी दबाव डाला जा रहा था।
श्री बाउरी ने संविधान के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री पर दलित रिम्स निदेशक के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की ताकि रिम्स को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके और गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
Rajesh Mohan Sahay