नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को आधिकारिक रूप से नोटिफाई कर दिया है। यह स्कीम, जो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए लाई गई है, सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गारंटेड पेंशन प्रदान करने का वादा करती है।
25 जनवरी 2025 को जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नई योजना उन कर्मचारियों पर लागू होगी जो वर्तमान में NPS के अंतर्गत आते हैं। UPS का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर पेंशन विकल्प प्रदान करना है, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
UPS के मुख्य प्रावधान
- कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और NPS में से कोई एक विकल्प चुनने की स्वतंत्रता होगी।
- UPS का चयन करने पर, कर्मचारी को अन्य पॉलिसी रियायतें या फाइनेंशियल लाभ नहीं मिलेंगे।
- NPS के तहत जो कर्मचारी UPS नहीं चुनना चाहते हैं, वे मौजूदा NPS को जारी रख सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चल रही OPS की बहाली की मांग को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। यह नया विकल्प कर्मचारियों को पेंशन स्कीम का चुनाव करने का लचीलापन देता है, जिससे सरकारी सेवाओं में स्थायित्व को बढ़ावा मिलेगा।
बजट 2025 पर नजरें
इस नई पेंशन योजना की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट पेश करने वाली हैं। UPS को बजट के बड़े सुधारों में से एक माना जा रहा है। सरकार के इस कदम से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच संतोष की उम्मीद की जा रही है। अब यह देखना होगा कि UPS को लागू करने से वित्तीय व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।