हिन्दू बेटियों पर नजर, धर्म परिवर्तन का चक्कर

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संजय कुमार विनीत : धर्मांतरण, आतंकी ट्रेनिंग और गुमशुदा 32 हजार लड़कियाें की कहानी को लेकर ‘केरला स्टोरी’ कितनी विवादित थी, या सच्चाई ली हुई थी। इस आंकड़ों को लेकर अब भी विवाद हो सकता है। पर हिन्दू बहुल वाले भारत में धर्म परिवर्तन को लेकर हिन्दू बेटियों पर नजर की तो कलई लगातार खुलती रही है‌। हाल ही में राजस्थान के ब्यावर में संगठित तरीके से पांच स्कूली छात्राओं को जिस तरह से लवजिहाद के जाल में फंसाकर घृणित कार्य किया गया है, एकबार फिर लवजिहाद कानून कठोरतम करने के बहस के साथ सर्व समाज को गंभीर चिंता में डाल दिया है। इसे लेकर परिजन, हिन्दू संगठन तो विरोध कर ही रहें हैं, वकिलों ने भी आरोपियों का केस लड़ने से मना कर दिया है।

ब्यावर जिले के बिजयनगर में लव जिहाद का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां समाज विशेष के कुछ युवकों ने स्कूल में पढ़ने वाली पांच छात्राओं को अपने प्रेमजाल में फंसाकर उनका देह शोषण किया और उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव भी डाला। पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।आरोपियों का अजमेर ब्लैकमेल कांड जैसा ही तरीका था, सभी आरोपियों का नाबालिग बच्चियों को फंसाने और शिकार करने का तरीका साल 1992 में हुए अजमेर ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के तरीके जैसा ही था।

राजस्थान के ब्यावर जिले में सात मुस्लिम युवकों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। सभी पर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने और जबरन धर्मांतरण का प्रयास करने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं‌।यह एफआईआर लड़कियों के परिवारों की शिकायत के बाद दर्ज की गईं, जिनमें पांच लड़कियों ने आरोप लगाया कि कुछ पुरुषों ने उन्हें चीनी मोबाइल फोन दिए और उनका यौन शोषण किया और धर्म बदलने को लेकर दबाव बनाया‌।

पीडिता के वयानों के आधार पर पुलिस के अनुसार आरोपियों ने पहले निजी स्कूल की एक बालिका को फंसाया। उसे चाइनीज मोबाइल उपलब्ध कराया।उसे प्रताड़ित और ब्लैकमेल करने लगे। इसके बाद उसके सामने शर्त रखी कि वह अपने क्लास की दूसरी छात्राओं से संपर्क कराए तो वह उसे छोड़ देंगे।इस तरह बालिका से उसकी कक्षा में पढ़ने वाली पांच-छह बालिकाओं को जाल में फंसाया और उन्हें भी डरा-धमका कर ब्लैकमेल करने लगे।आरोपी अपने धर्म की चीजों को अपनाने का भी दबाव बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों में रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान, साहिल कुरैशी शामिल हैं, और ये सभी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र नहीं बल्कि हमाली, वेल्डिंग, पेंट करने और फर्नीचर का काम करने वाले हैं। पकड़े गये पांचों आरोपी दोस्त हैं, इनमें से कुछ एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं।

पुलिस ने पीड़िता के सामने आते ही आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। दर्ज एफआईआर में यौन शोषण, बलात्कार, पीछा करने और POCSO अधिनियम की कई धाराएं शामिल हैं। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस आरोप में कम से कम 15 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। मतलब सारा कुछ एक संगठित तरीके से।

पीड़िता ने जो दर्द भरे वयान दर्ज करवाई, वो तो और रौंगटे खड़े कर देने वाले है। नाबालिग लड़कियों को अपने सहेलियों को इस मकड़जाल में फांसने के लिए काफी दवाब डालते थे। बात ना मानने पर अश्लील विडिओ वायरल कर देने की धमकी देते थे। अलग अलग जातियों की लड़की को बरगलाने पर अलग अलग रेट, जैसे कि ब्राह्मण लड़की के लिए 20 लाख तो अन्य हिन्दू लड़की के लिए 10 से 15 लाख मिलने की बात कही जा रही है। कौन देता था इस लवजिहाद के लिए पैसा, अब ये जांच का बिषय है। पर ऐसा ही एक आडियो उत्तर प्रदेश के मौलाना का वायरल हुआ था और कारवाई भी की गयी थी।

लवजिहाद को लेकर अब कानून भी बन गयी है, पर इसमें जो सजा दी जाने चाहिए, वो बहुत कम है। 2008 में सबसे पहले राजस्थान की सीएम बसुंधरा राजे ने इसपर कानून बनायी और केंद्र को भेजा, पर मंजूरी नही मिली। फिर इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में सीएम योगी जी ने की। काफी विरोध का सामना करना पड़ा, पर योगी जी रूके नहीं और विरोध के बावजूद इस कानून को और भी प्रभावी बनाने का काम किया। राजस्थान में भी भजन लाल सरकार ने राजस्थान विधानसभा में ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेद विधेयक 2025’ पेश किया। इस विधेयक में जबरन धर्म परिवर्तन पर कठोर सजा का प्रावधान होगा।

एक पीड़ित लड़की के परिजनों के संज्ञान में ऐसे मामले आये तो यह मामला परत दर परत खुलता चला गया और संगठित तरीके से दैहिक शोषण और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का एक बड़ा मामला सामने आया। इसलिए नावालिग लड़की के परिजनों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। फिलहाल तो सात गिरफ्तारी हो चुकी है, बाकी आरोपियों की खोज जारी है। हिंदू संगठन और पीड़ित लडकियों के परिजन आंदोलित है। स्थानीय वकीलों ने भी आरोपियों के केस लड़ने से मना कर विरोध पर हैं। अब देखना है कि इस घृणित अपराध के लिए न्यायालय से क्या सजा मिलती है। पर आज जरूरत आन पड़ी है एक ऐसे कानून की जिससे ऐसे अपराध करने से पहले ही सजा की डर से ही रूह काँप जाये।

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