वक्फ संशोधन विधेयक को 14 महत्वपूर्ण बदलावों के साथ मंजूरी, वक्फ बोर्ड पर अब कड़ी निगरानी

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नई दिल्ली: देशभर में वक्फ बोर्ड से संबंधित बड़े बदलाव की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। वक्फ बोर्ड, जिस पर भूमाफिया और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, अब सरकारी निगरानी और कानूनी प्रक्रिया के तहत सुधारों के दौर से गुजरने वाला है। इस दिशा में, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (JPC) ने 14 महत्वपूर्ण बदलावों के साथ इसे मंजूरी दी है।

क्या हैं प्रमुख बदलाव?

वक्फ अधिनियम 1995 में किए गए इन बदलावों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। JPC ने विपक्षी सांसदों द्वारा लाए गए 44 संशोधनों को खारिज करते हुए बीजेपी सांसदों द्वारा सुझाए गए 14 संशोधनों को मंजूरी दी है। ये बदलाव वक्फ बोर्ड के कामकाज में कई महत्वपूर्ण सुधार लाने वाले हैं:

  1. धारा 40 का हटाया जाना: वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 को हटाने का प्रस्ताव है, जो वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देता था। अब यह अधिकार छीन लिया जाएगा, जिससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
  2. विधेयक का नामकरण: वक्फ अधिनियम 1995 का नाम अब “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम 1995” रखा जाएगा। यह बदलाव वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार और इसके उद्देश्य को स्पष्ट करेगा।
  3. प्रतिनिधित्व में विविधता: केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में अब शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी मुस्लिम समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ-साथ गैर-मुस्लिम प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसके अलावा, दो महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी अनिवार्य किया जाएगा, जो वक्फ बोर्ड के निर्णयों में एक नया दृष्टिकोण लेकर आएगा।
  4. वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण: वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अब एक केंद्रीकृत वेबसाइट पर अनिवार्य होगा, जिससे सम्पत्तियों के बारे में जानकारी पारदर्शी तरीके से उपलब्ध होगी।
  5. वक्फ संपत्तियों का दान: अब केवल वे मुस्लिम, जो धार्मिक आस्था रखते हैं, ही अपनी संपत्ति वक्फ परिषद या बोर्ड को दान कर सकते हैं। यह दान केवल कानूनी स्वामी ही कर सकेंगे, जिससे संपत्ति के दान में गलतियों की गुंजाइश कम होगी।
  6. वक्फ न्यायाधिकरण के आदेशों पर अपील: वक्फ न्यायाधिकरण के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की समयसीमा 90 दिन निर्धारित की गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलेगी।
  7. वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण: वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण अब कलेक्टर या उनके द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर द्वारा किया जाएगा, जिससे संपत्तियों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा।
  8. वक्फ बोर्ड की वित्तीय जिम्मेदारियां: वक्फ बोर्ड को प्राप्त धनराशि का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के कल्याण के लिए करना होगा, और यह धनराशि सरकार द्वारा सुझाए गए तरीके से खर्च की जाएगी।

500 पन्नों की रिपोर्ट और विपक्ष का विरोध

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर एक 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है, जो सोमवार देर रात या मंगलवार तक सभी सदस्यों को भेज दी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, 29 जनवरी को रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया जाएगा। यदि विपक्ष अपनी असहमति दर्ज करता है, तो उसे रिपोर्ट का हिस्सा बनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अब तक 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, और असहमति नोट जुड़ने के बाद पन्नों की संख्या बढ़ सकती है।

वक्फ संशोधन विधेयक में लाए गए ये 14 बदलाव महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, और 29 जनवरी को इन पर मतदान होगा। अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक जमा कर दी जाएगी। हालांकि, जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी में शामिल विपक्षी सदस्य इन संशोधनों का विरोध कर रहे हैं, और उनका कहना है कि यह बदलाव वक्फ बोर्ड की स्वतंत्रता को सीमित करने वाले हैं।

इन बदलावों को लेकर राजनीति गर्माई हुई है, और आगे की प्रक्रिया में कई और मोड़ आ सकते हैं।

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