संजय कुमार विनीत : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद भले ही सरकार का गठन अबतक नहीं हो पाया है, पर इस चुनाव में किये गए वादों पर काम होना शुरू हो गया है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा लिए गये शपथ के अनुसार यमुना मैया की सफाई का काम प्रारंभ हो गया है। तीन साल के अंदर साबरमती रिवरफ्रण्ट की तरह यमुना नदी को विकसित कर खोयी हुयी प्रतिष्ठा वापस लाने का संकल्प है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में यमुना की सफाई एक बड़ा मुद्दा बना था। पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली में वादा किया था कि वो यमुना को साफ करने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि आप सरकार ने यमुना की सफाई के लिए कुछ नहीं किया और लोगों की आस्था का अपमान किया है। नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में चुनावी जीत के जश्न के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि हम यमुना को दिल्ली की पहचान बनाएंगे। मुझे पता है कि यह काम मुश्किल है और इसमें लंबा समय लगेगा। चाहे कितना भी समय लगे, कितनी भी ऊर्जा लगे, हम यमुना की सेवा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’
हलांकि, 26 साल के वनवास के बाद भाजपा भले ही सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हो गयी है, पर मुख्यमंत्री और सरकार अभी तक दिल्ली को नहीं मिल पाया है। प्रधानमंत्री के विदेश दौरे को लेकर विलंब हुआ, पर आगामी 20 फरवरी को सरकार गठन की संभावना है। इसे लेकर रामलीला मैदान में तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। सरकार गठन में भले ही विलंब हो रही हो, पर बीजेपी अपने वादों को लेकर संवेदनशील दिख रही है। इसी कड़ी में यमुना को साफ और स्वच्छ बनाने की दिशा में काम तेज करते हुए रविवार से सफाई अभियान शुरू किया गया। इसके तहत यमुना में कचरा उठाने वाले स्किमर, खरपतवार हटाने वाले यंत्र और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट को उतारा गया। यह मशीनें नियमित यमुना की सफाई करेंगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के अनुसार लगभग 3 वर्षों में नदी की सफाई का लक्ष्य रखने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता होगी जिसमें डीजेबी, आई एंड एफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए शामिल हैं। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति भी उच्चतम स्तर पर निगरानी करेगी (डीपीसीसी) को शहर में औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
इसे लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को मुख्य सचिव और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी। बैठक में दोनों को यमुना की सफाई को लेकर तुरंत काम शुरू करने का आदेश दिया। यमुना साफ करने के लिए चार सूत्री काम किया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले यमुना के बहाव में जमा कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा। साथ ही नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और अन्य सभी प्रमुख नालों में सफाई अभियान चलाया जाएगा।
दिल्ली वासियों को यमुना नदी के साफ सफाई और रिवरफ्रण्ट की तरह विकसित किये जाने पर स्वच्छ पानी के साथ ही सैर सपाटे के लिए एक प्राकृतिक स्थान मिलेगा और यमुना मइया की खोई हुई प्रतिष्ठा भी वापस लौट पायेगी। बीजेपी अपने वादे को लेकर संवेदनशील नजर आ रही है, इससे दिल्ली वासियों को खुशी मिल रही है।