नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। 21 तोपों की सलामी के बाद परेड की शुरुआत हुई। इस वर्ष के समारोह में विशेष अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और उनके सैनिकों का भी सम्मिलन हुआ। इंडोनेशिया के सैनिकों की टुकड़ी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों को सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट, राष्ट्रपति के अंगरक्षकों द्वारा कर्तव्य पथ तक ले जाया गया, और 40 वर्षों बाद परंपरा का पुनरुद्धार करते हुए, दोनों पारंपरिक बग्गी में सवार होकर समारोह स्थल पर पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आगमन पर स्वागत किया और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का भी कर्तव्य पथ पर स्वागत किया। राष्ट्रीय ध्वज के फहराए जाने के बाद, राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी गई।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्षों की उपलब्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय के 300 कलाकारों ने परेड में भाग लिया, जिन्होंने पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों जैसे शहनाई, नादस्वरम, मशक बीन, बांसुरी, शंख और ढोल के साथ ‘सारे जहां से अच्छा’ प्रस्तुत किया। समारोह में वैश्विक समागम को और बढ़ाते हुए, 152 सदस्यीय इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की मार्चिंग टुकड़ी और 190 सदस्यीय इंडोनेशियाई सैन्य अकादमी का सैन्य बैंड भी परेड का हिस्सा बने।