46वां झारखंड दिवस: झामुमो का जोश, कल्पना सोरेन का ऐतिहासिक मंच प्रवेश और सीता सोरेन की अनुपस्थिति

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) 2 फरवरी को अपने 46वें झारखंड दिवस समारोह की तैयारी में जुटा है। यह प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम दुमका के गांधी मैदान में आयोजित होगा, जहां हजारों की संख्या में लोग शिरकत करेंगे। झारखंड दिवस खासतौर पर संताल परगना प्रमंडल के लोगों के लिए एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है, और इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में लोग दुमका पहुंचेगें। कार्यक्रम दोपहर बाद शुरू होकर देर रात तक चलेगा।

दुमका (2 फरवरी): इस बार झामुमो के लिए झारखंड दिवस विशेष महत्व रखता है। पिछले साल हेमंत सोरेन के कथित जमीन घोटाले के कारण उनका जेल में रहना कार्यकर्ताओं के उत्साह को कम कर दिया था। लेकिन इस साल झामुमो ने सत्ता में वापसी की है, और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी है। पिछले लोकसभा चुनावों में संताल परगना के 3 में से 2 सीटों और विधानसभा चुनाव में प्रमंडल के 18 में से 11 सीटों पर जीत के साथ पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। इन चुनावी परिणामों के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है।

झारखंड दिवस इस बार एक ऐतिहासिक मोड़ पर है क्योंकि पहली बार कल्पना सोरेन मंच पर नजर आ सकती हैं। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना ने खुद को एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है। अब तक झारखंड दिवस के मंच पर उनकी उपस्थिति नहीं रही, लेकिन इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि वह न केवल मंच पर मौजूद रहेंगी, बल्कि अपने प्रभावशाली भाषण से सभी का दिल जीतेंगी। गांधी मैदान सर्द रातों में तालियों की गूंज से भर उठेगा।

इस बार मंच पर सीता सोरेन की अनुपस्थिति भी महसूस की जाएगी। यह पहला अवसर होगा जब शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू सीता सोरेन झारखंड दिवस के मंच पर नजर नहीं आएंगी। उन्होंने हाल ही में भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया, जिसके बाद पार्टी और परिवार से उनका अलगाव हो गया। इसी तरह, झामुमो के वरिष्ठ नेता स्व. साइमन मरांडी के परिवार का भी कोई सदस्य मंच पर नहीं होगा। इसका कारण यह है कि दिनेश विलियम मरांडी, जिन्होंने अपने पिता की विरासत को संभाला था, को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया, और नाराज होकर वह भाजपा में शामिल हो गए।

इस साल का झारखंड दिवस न केवल राजनीतिक रूप से अहम है, बल्कि यह झामुमो के लिए एक नया दौर भी लेकर आ सकता है। पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह उच्चतम स्तर पर है, और सभी की निगाहें 2 फरवरी के गांधी मैदान पर होंगी।

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