सीता सोरेन के “बाहा पर्व” में शामिल होने से झामुमो में उनकी वापसी को लेकर तकरार

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रितेश सिन्हा : रांची, 16 मार्च 2025: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के पैतृक आवास रामगढ़ जिले के नेमरा में आयोजित पारिवारिक पूजा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ-साथ भाजपा की पूर्व विधायक और नेता सीता सोरेन भी शामिल हुईं। इस मौके पर सीता सोरेन की उपस्थिति ने राज्य की राजनीति में उनकी झामुमो में वापसी को लेकर अटकलों को जन्म दे दिया है।

झामुमो में भाजपा नेताओं की सदस्यता की संभावना

इस बीच, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने एक बयान में कहा कि सीता सोरेन शिबू सोरेन परिवार की बहू हैं, और उनकी पूजा में भाग लेना कोई असामान्य बात नहीं है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कई भाजपा नेता झामुमो में शामिल होने के लिए आवेदन कर चुके हैं, और पार्टी के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन में शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन इस बारे में अंतिम निर्णय लेंगे।

सीता सोरेन की पूजा में शिरकत को सामान्य घटना बताया गया

हालांकि, हेमंत सोरेन के परिवार से जुड़ी पूजा में सीता सोरेन की भागीदारी को लेकर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने इसे सिर्फ एक सामान्य पारिवारिक घटना बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में जब पूजा होती है, तो परिवार के सभी सदस्य उसमें शामिल होते हैं, और पूर्व विधायक का पूजा में भाग लेना कोई राजनीति से जुड़ी बात नहीं है।

भाजपा ने झामुमो के दावे को किया खारिज

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने झामुमो के दावों का खंडन करते हुए कहा कि अगर भाजपा के नेताओं ने झामुमो में शामिल होने के लिए आवेदन दिए हैं, तो झामुमो को इसे सार्वजनिक क्यों नहीं करना चाहिए। सिन्हा ने आरोप लगाया कि झामुमो नेताओं का उद्देश्य भाजपा के नेताओं के बीच भ्रम उत्पन्न करना है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे।

सीता सोरेन की भाजपा में दावेदारी और संभावित वापसी

सीता सोरेन, जो पहले झामुमो की विधायक और शिबू सोरेन की बहू थीं, ने लोकसभा चुनाव से पहले झामुमो और उसकी पार्टी की सदस्यता त्यागकर भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गईं। इसके बाद, भाजपा ने उन्हें जामताड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया, जहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

हालांकि, पिछले कुछ महीनों से सीता सोरेन का रुख झामुमो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति नरम हुआ है, जिससे राज्य की राजनीति में उनकी घर वापसी के कयास और तेज हो गए हैं।

14-15 अप्रैल को झामुमो के केंद्रीय महाधिवेशन में होगी निर्णय की घड़ी

राज्य की राजनीति में यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या सीता सोरेन झामुमो में लौटेंगी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के एक गुट को उनकी वापसी मंजूर नहीं है, और अब सबकी नजरें झामुमो के आगामी 13वें केंद्रीय महाधिवेशन (14-15 अप्रैल) पर टिकी हैं, जहां इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

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